Falgun Amavasya 2025: अमावस्या का दिन पितरों की आराधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस दिन पिंडदान और पितृ तर्पण का विशेष महत्व होता है. हिंदू धर्म में इस तिथि का गहरा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है, जब लोग विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान करते हैं. इस वर्ष फाल्गुन अमावस्या आज 27 फरवरी 2025 को मनाई जा रही है.
जानें शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 08 मिनट से 05 बजकर 58 मिनट तक
- विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 29 मिनट से 03 बजकर 15 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 17 मिनट से 06 बजकर 42 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 09 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान का महत्व
फाल्गुन अमावस्या के अवसर पर स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त को अत्यंत शुभ माना जाता है. धार्मिक परंपराओं के अनुसार, इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है. अतः इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करना अनिवार्य है. स्नान के उपरांत दान-पुण्य करना भी आवश्यक है.
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फाल्गुन अमावस्या का विशेष महत्व
फाल्गुन अमावस्या के दिन स्नान के पश्चात सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और दान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है.
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फाल्गुन अमावस्या का श्रेष्ठ मुहूर्त
फाल्गुन अमावस्या के दिन स्नान का समय अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. धार्मिक परंपराओं के अनुसार, इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र जल में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है. अतः इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करना अनिवार्य है. स्नान के उपरांत दान और पुण्य कार्य करना भी आवश्यक है.