Dhanu Sankranti 2025: हिंदू धर्म में धनु संक्रांति को अत्यंत पावन और ऊर्जावान दिन माना गया है. इस दिन सूर्य देव अपनी चाल बदलकर धनु राशि में प्रवेश करते हैं, जिसे एक नए अध्यात्मिक चक्र की शुरुआत माना जाता है. इसी के साथ खरमास की भी शुरुआत होती है, जिसके दौरान किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य—जैसे विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण और मुंडन—करना वर्जित होता है. यह पूरा महीना साधना, सेवा और पुण्य कमाने के लिए श्रेष्ठ माना गया है.
Dhanu Sankranti 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार
- धनु संक्रांति: 16 दिसंबर 2025, मंगलवार
- सूर्य का धनु राशि में प्रवेश (संक्रांति क्षण): सुबह 4:26 बजे
- पुण्य काल: सुबह 7:09 से दोपहर 12:23 बजे तक
- महा पुण्य काल: सुबह 7:09 से 8:53 बजे तक
इस दिन क्या दान करना चाहिए?
धनु संक्रांति पर दान अत्यंत फलदायी माना गया है. परंपरानुसार इस दिन गुड़, तिल, कंबल, गर्म वस्त्र, चावल, गेहूं का दान करने से जीवन की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है.
धनु संक्रांति पर पूजा करना फलदायी
धनु संक्रांति 2025 पर पूजन विशेष फलदायी माना जाता है, क्योंकि अग्नि तत्व वाली धनु राशि में सूर्य का प्रवेश ऊर्जा, साहस और आत्मविश्वास बढ़ाता है. इस दिन की गई सूर्य पूजा से स्वास्थ्य, मानसिक बल और निर्णय क्षमता मजबूत होती है. सूर्य दोष या कमजोर आत्मविश्वास वाले लोगों के लिए यह दिन अत्यंत शुभ है.
धनु संक्रांति पर शुभ कर्म क्यों जरूरी?
शास्त्रों में कहा गया है कि खरमास के दौरान वातावरण में सात्विक ऊर्जा बढ़ जाती है. इस समय किया गया दान, साधना, तप और मंत्रजप सामान्य दिनों से कहीं अधिक फल देता है. यह दिन मानसिक शुद्धि, आध्यात्मिक प्रगति और पुण्य अर्जन का श्रेष्ठ अवसर माना जाता है.

