Death Time signs: मृत्यु जीवन का अंतिम सत्य है. जब किसी व्यक्ति का इस संसार से विदा लेने का समय आता है, तो उसके आसपास कई संकेत और घटनाएं दिखाई देती हैं. हिंदू धर्म, पुराण और ज्योतिष शास्त्र में इन संकेतों का उल्लेख मिलता है. इन्हें शुभ और अशुभ दोनों दृष्टिकोण से देखा जाता है.
शुभ संकेत (Auspicious Signs)
- ईश्वर का स्मरण: मृत्यु के समय भगवान का नाम लेना या स्मरण करना अत्यंत शुभ माना जाता है. ऐसा करने से आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
- गंगाजल और तुलसी का सेवन: मृत्यु के समय गंगाजल और तुलसी अर्पित करना आत्मा को पवित्र बनाता है और स्वर्गलोक की राह आसान होती है.
- सकारात्मक वातावरण: यदि परिवारजन भजन, मंत्र या गीता का पाठ कर रहे हों, तो यह आत्मा को शांति प्रदान करता है.
- सपष्ट मुख और मुस्कान: मृत्यु के समय हल्की मुस्कान या शांति दर्शाती है कि आत्मा ने पुण्य कार्य किए हैं और उसका भविष्य उज्ज्वल है.
अशुभ संकेत (Inauspicious Signs)
- कष्टपूर्ण मृत्यु: अत्यधिक पीड़ा या तड़पते हुए मृत्यु अशुभ मानी जाती है. यह पिछले कर्मों का प्रभाव दर्शाता है.
- अशांति और क्रोध: मृत्यु के समय क्रोध, द्वेष या नकारात्मक विचार आत्मा को अशांत बनाते हैं.
- अंधेरा और नकारात्मक माहौल: डर और कलह से भरा घर आत्मा को बेचैन करता है.
- पशु-पक्षियों का विचित्र व्यवहार: कौवे, उल्लू या कुत्ते का असामान्य व्यवहार अशुभ संकेत माना जाता है.
संतुलन का संदेश
धार्मिक मान्यता है कि मृत्यु के समय वातावरण का प्रभाव आत्मा के अगले लोक की दिशा तय करता है. शुभ माहौल, ईश्वर का स्मरण और पवित्र वस्तुएं आत्मा को शांति और मोक्ष की ओर ले जाती हैं, जबकि नकारात्मकता और भय उसे अशांत कर देते हैं. मृत्यु केवल शरीर का अंत है, आत्मा अमर होती है. सकारात्मक और पवित्र वातावरण आत्मा को मोक्ष की ओर ले जाता है. इसलिए हिंदू संस्कृति में मंत्रोच्चार, भजन और गंगाजल का महत्व अत्यधिक है.

