Darsh Amavasya 2025 Daan:हिंदू पंचांग के अनुसार, दर्श अमावस्या हर महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को आती है. यह तिथि धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ मानी जाती है. विशेष रूप से पितरों की शांति, पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और जीवन में सुख-समृद्धि के लिए इस दिन दान का बहुत महत्व होता है. दर्श अमावस्या पर किए गए पुण्यकर्म अनेक गुना फल प्रदान करते हैं. इस दिन को मान्यता प्राप्त है कि पितृ अपने परिवार के सदस्यों को आशीर्वाद देने के लिए पृथ्वी पर आते हैं. इस वर्ष 26 मई 2025, सोमवार को दर्श अमावस्या का आयोजन किया जाएगा.
इस दिन कुछ विशेष वस्तुओं का दान करना अत्यंत फलदायी माना जाता है
अन्न और तिल का दान
दर्श अमावस्या के दिन तिल (काले और सफेद दोनों) का विशेष महत्व है. तिल को जल में प्रवाहित करने और ब्राह्मणों को दान देने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही, चावल, गेहूं, मूंग, उड़द आदि अन्न का दान भी अत्यंत शुभ माना जाता है. इससे जीवन में समृद्धि बनी रहती है और अन्न की कमी नहीं होती.
कपड़ों का दान
इस दिन स्वच्छ वस्त्र, विशेषकर सफेद या पीले रंग के, जरूरतमंदों को दान करने से पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है. यह दान वृद्ध, गरीब या ब्राह्मणों को करना श्रेष्ठ माना जाता है.
धातु और बर्तन
पीतल, तांबा या स्टील के बर्तन जैसे लोटा, थाली, कटोरी आदि का दान करना भी शुभ होता है. इससे घर में लक्ष्मी का निवास होता है और दरिद्रता समाप्त होती है.
दक्षिणा और गौ-दान
यदि संभव हो, तो ब्राह्मणों को दक्षिणा सहित भोजन कराना और कुछ स्थानों पर गौ-दान करना अत्यंत प्रशंसनीय माना जाता है. यह कार्य पितरों की आत्मा की तृप्ति के लिए सर्वोत्तम होता है.
तेल और दीपदान
इस दिन सरसों के तेल का दीपक जलाकर भगवान यम और पितरों को अर्पित करने से अंधकार का नाश होता है. तेल का दान अत्यंत शुभ माना जाता है.