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Chhoti Diwali 2025 Date: इस दिन मनाई जाएगी छोटी दीवाली, जानिए पूजा का शुभ समय और महत्व

Chhoti Diwali 2025 Date: दीवाली से पहले छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी. यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है. इस दिन घर की सफाई, अभ्यंग स्नान और हनुमान जी की पूजा करना शुभ माना जाता है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि आती है.

Chhoti Diwali 2025 Date: दिवाली से एक दिन पहले पूरे देश में छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी मनाई जाती है. इस पर्व को कई जगहों पर काली चौदस या रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था और 16,000 बंदी महिलाओं को मुक्त कराया था. यही कारण है कि यह दिन अंधकार और बुराई पर प्रकाश और अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है. इस वर्ष नरक चतुर्दशी 19 अक्टूबर 2025, रविवार को मनाई जाएगी. यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है.

नरक चतुर्दशी पूजा और स्नान का शुभ समय

इस दिन प्रातःकाल स्नान से पहले अभ्यंग स्नान का विशेष महत्व होता है. यह स्नान शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध करने वाला माना जाता है. घर की सफाई और सजावट भी इस दिन शुभ मानी जाती है, क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जाएं दूर होती हैं.

हनुमान जी की पूजा का महत्व

काली चौदस की रात को हनुमान जी की पूजा करने की परंपरा है. ऐसा माना जाता है कि इस रात नकारात्मक शक्तियां अधिक सक्रिय होती हैं, और हनुमान जी की आराधना से इनसे रक्षा मिलती है. पूजा से संकटों से मुक्ति और बुरी नजर से बचाव होता है. इससे मानसिक और शारीरिक बल बढ़ता है. घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का संचार होता है. इस प्रकार, नरक चतुर्दशी का दिन अंधकार, आलस्य और नकारात्मकता के विनाश का प्रतीक है. यह पर्व न केवल दिवाली की तैयारी का दिन है, बल्कि आंतरिक और बाहरी शुद्धि का भी अवसर प्रदान करता है.

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नरक चतुर्दशी को और किन नामों से जाना जाता है?

नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली, काली चौदस और रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है.

नरक चतुर्दशी की पौराणिक कथा क्या है?

मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध कर 16,000 बंदी महिलाओं को मुक्त कराया था. यह घटना बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.

इस दिन अभ्यंग स्नान का क्या महत्व है?

नरक चतुर्दशी की सुबह अभ्यंग स्नान करना शुभ माना जाता है. यह स्नान शरीर, मन और आत्मा की शुद्धि के लिए किया जाता है और माना जाता है कि इससे नकारात्मकता दूर होती है.

काली चौदस पर हनुमान जी की पूजा क्यों की जाती है?

इस रात नकारात्मक शक्तियां अधिक सक्रिय रहती हैं, इसलिए हनुमान जी की पूजा करने से संकटों से मुक्ति, बुरी नजर से बचाव और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

Shaurya Punj
Shaurya Punj
रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मास कम्युनिकेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद मैंने डिजिटल मीडिया में 14 वर्षों से अधिक समय तक काम करने का अनुभव हासिल किया है. धर्म और ज्योतिष मेरे प्रमुख विषय रहे हैं, जिन पर लेखन मेरी विशेषता है. हस्तरेखा शास्त्र, राशियों के स्वभाव और गुणों से जुड़ी सामग्री तैयार करने में मेरी सक्रिय भागीदारी रही है. इसके अतिरिक्त, एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और शिक्षा जैसे विषयों पर भी मैंने गहराई से काम किया है. 📩 संपर्क : [email protected]

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