Chhath Puja 2025: आस्था के महापर्व छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय से होती है. इस दिन व्रती पूरी पवित्रता और सात्विकता के साथ पूजा की शुरुआत करते हैं. मान्यता है कि नहाय-खाय में कुछ विशेष नियमों और उपायों का पालन करने से छठी मैया की कृपा प्राप्त होती है और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
नहाय-खाय का महत्व
नहाय-खाय केवल व्रत की शुरुआत नहीं है, बल्कि यह शरीर और मन दोनों को शुद्ध करने का पहला चरण है. व्रती इस दिन स्नान करके शुद्ध भोजन ग्रहण करते हैं और आगे के कठिन व्रत के लिए संकल्प लेते हैं.
नहाय-खाय के खास उपाय
- गंगा या पवित्र नदी में स्नान जहां संभव हो, व्रती नदी या गंगा जल से स्नान करें. इससे पापों का नाश होता है और स्वच्छ ऊर्जा प्राप्त होती है.
- शुद्ध और सात्विक भोजन ही ग्रहण करें व्रती को केवल एक बार ही सात्विक भोजन करना चाहिए. लहसुन-प्याज का प्रयोग बिल्कुल न करें.
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- लोहे और एल्यूमिनियम के बर्तनों से परहेज प्रसाद बनाने में पीतल, कांसा या मिट्टी के बर्तन का प्रयोग शुभ माना जाता है.
- रसोई की अच्छी तरह सफाई रसोई और घर के माहौल को पूरी तरह शुद्ध रखें. माना जाता है कि जहां सफाई होती है, वहां देवी की विशेष कृपा रहती है.
- कद्दू-भात का प्रसाद जरूर बनाएं नहाय-खाय के दिन कद्दू, चने की दाल और चावल का सेवन शुभ माना जाता है. यह प्रसाद परिवार में सकारात्मक ऊर्जा और स्वास्थ्य बढ़ाता है.
- क्रोध और नकारात्मकता से दूरी इस दिन व्रती को मन शांत रखना चाहिए, किसी भी तरह की कलह या गुस्सा व्रत की पवित्रता को कम करता है.
- तुलसी पूजन घर की तुलसी माता को जल चढ़ाएं. इससे निरोगी और सुख-शांति की प्राप्ति होती है.
छठ पूजा के दौरान कौन से भोजन वर्जित हैं?
व्रती को केवल सात्विक भोजन करना चाहिए. इसमें लहसुन, प्याज, मांसाहार और शराब पूरी तरह से वर्जित है.
नहाय-खाय क्या है?
नहाय-खाय छठ पूजा का पहला दिन होता है जिसमें व्रती शुद्ध स्नान करके सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं और व्रत की शुरुआत करते हैं.
क्या नहाय-खाय के दिन लहसुन-प्याज खा सकते हैं?
नहीं, इस दिन पूरी तरह सात्विक और शुद्ध भोजन लिया जाता है.
नहाय-खाय के दिन कौन-कौन से बर्तनों का उपयोग करना चाहिए?
प्रसाद बनाने के लिए पीतल, कांसा या मिट्टी के बर्तन उपयोग करना शुभ होता है. लोहे और एल्यूमिनियम के बर्तनों से बचना चाहिए.
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