Chhath Puja 2025: बिहार की राजधानी पटना के कई छठ घाटों की साफ-सफाई और सौंदर्यीकरण का काम जोर-शोर से चल रहा है. इसी क्रम में श्रीश्री छठ पूजा समिति, लालजी टोला द्वारा घाट निर्माण का कार्य किया जा रहा है, जहां गंगा-जमुनी तहजीब का अनोखा दृश्य देखने को मिल रहा है.
हिंदू-मुस्लिम मिलकर करते हैं छठ की तैयारियां
लालजी टोला निवासी और आयोजनकर्ता मनोज कुमार के नेतृत्व में यहां पिछले 15 सालों से हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग मिलकर छठ व्रतियों के लिए तैयारियां कर रहे हैं. इसमें घाट की सफाई, सजावट और व्रतियों की सुरक्षा के लिए मेडिकल इंतजाम भी शामिल है.
15 सालों से चली आ रही है ये अनोखी परंपरा
समिति के सदस्य तबरेज अली, आमिर अली और गब्बर अली ने बताया कि पिछले 15 साल से हम एक-दूसरे के त्योहारों में सहयोग करते हैं. छठ पूजा प्रकृति को समर्पित पर्व है, इसलिए सभी समुदाय इसे मिलजुल कर मनाते हैं. यह समाज के लिए एक सकारात्मक संदेश भी है.
किन्नर समाज के लोग भी यहां आकर देते हैं अर्घ्य
इस घाट की एक खासियत यह भी है कि हर वर्ष किन्नर समाज के लोग भी यहां आकर भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं. आयोजन समिति में अमित यादव, अभिषेक यादव, विजय अभिषेक, मन्नू यादव, कुंदन यादव, तबरेज और सुरभि किन्नर का विशेष योगदान रहा. इसके अलावा, मन्नू यादव ने बताया कि व्रतियों के लिए अस्थाई तालाब का निर्माण अंतिम चरण में है. घाट के आसपास लगभग 2 किलोमीटर क्षेत्र में मोहल्ले का साज-सज्जा भी समिति द्वारा किया जा रहा है.
‘नहाय-खाय’ के साथ हुआ छठ महापर्व का शुभारंभ
इस साल छठ पूजा शनिवार से प्रारंभ हो गई. महानंदा, चेंगा नदी और मेची नदी के तटों पर व्रतियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. छठ के पारंपरिक गीतों से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया. पहले दिन, व्रती नदियों, तालाबों और जलाशयों में स्नान कर अरबा चावल, चने की दाल और लौकी की सब्जी ग्रहण करते हैं. इसके साथ ही खरना की तैयारी भी शुरू हो गई. बाजारों में टोकरी, सूप, नारियल, ईख और फलों की खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ लगी. व्रती घी, गुड़, गेहूं और अरबा चावल की खरीदारी कर रहे हैं.

