Car Dashboard Idol: भारतीय संस्कृति में वाहन केवल साधन नहीं, बल्कि सौभाग्य और सुरक्षा का प्रतीक माने जाते हैं. यही कारण है कि नई कार खरीदने के बाद लोग उसमें भगवान की मूर्ति या कोई धार्मिक प्रतीक अवश्य स्थापित करते हैं. लेकिन अक्सर सवाल उठता है कि गाड़ी में किस तरह की मूर्ति लगाना सही होता है.
हल्की और छोटी मूर्ति चुनें
कार में बड़ी या भारी मूर्तियाँ रखने से बचना चाहिए. झटका या ब्रेक लगने पर ये गिर सकती हैं और नुकसान का कारण भी बन सकती हैं. इसलिए हल्की और छोटी मूर्तियाँ ही सबसे उपयुक्त रहती हैं.
गणेश जी की मूर्ति
कार में सबसे शुभ मानी जाती है भगवान गणेश की प्रतिमा. गणेश जी विघ्नहर्ता कहे जाते हैं और माना जाता है कि उनकी पूजा से यात्रा के दौरान आने वाली अड़चनें दूर हो जाती हैं. चांदी, तांबे या पीतल की छोटी मूर्ति रखना विशेष शुभफलदायी माना जाता है.
हनुमान जी की प्रतिमा
हनुमान जी शक्ति और सुरक्षा के देवता हैं. कार में उनकी प्रतिमा या चित्र लगाने से वाहन दुर्घटनाओं से रक्षा होती है और आत्मविश्वास व साहस की प्राप्ति होती है.
फोटो फ्रेम या क्रिस्टल इमेज
अगर मूर्ति न रखना चाहें तो भगवान की फोटो फ्रेम या क्रिस्टल इमेज भी डैशबोर्ड पर लगाई जा सकती है. यह हल्की, टिकाऊ और सुरक्षित रहती है.
मूर्ति की दिशा
मूर्ति या फोटो हमेशा इस तरह रखें कि चालक आसानी से देख सके. ध्यान रखें कि मूर्ति का चेहरा कार के अंदर की ओर हो, बाहर की तरफ न हो.
कार में मूर्ति लगाने का उद्देश्य आस्था के साथ-साथ सुरक्षा से भी जुड़ा है. हल्की और टिकाऊ मूर्तियों को चुनना सबसे अच्छा होता है. विशेष रूप से गणेश जी और हनुमान जी की मूर्ति वाहन में शुभ मानी जाती है और यह यात्रा को मंगलमय बनाने वाली मानी जाती है.

