Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या शहर इस कार्यक्रम के लिए पूरी तरह सज गया है. मंदिर के आसपास बने नए छोटे मंदिर, टीले और खुले प्रांगण अब पूरे परिसर को भव्य बना रहे .ध्वजारोहण पहली बार हो रहा है, इसलिए भक्तों में बहुत उत्साह है. लोग इसे मंदिर निर्माण की “पूरी होने वाली आखिरी कड़ी” मान रहे हैं.
ध्वज में क्या-क्या होगा खास?
राम मंदिर के लिए जो केसरिया ध्वज तैयार किया गया है, उसमें ये तीन पवित्र चिन्ह होंगे:
कोविदार वृक्ष – रामायण के समय का शुभ वृक्ष
सूर्यदेव – भगवान राम के इक्ष्वाकु वंश का प्रतीक
ओंकार (ॐ) – आस्था और ऊर्जा का चिन्ह
मुख्य ध्वज का आकार 22 फीट × 11 फीट होगा. इसे खास कपड़े से बनाया गया है ताकि यह तेज हवा में भी मजबूती से लहराता रहे.
सात और मंदिरों पर भी होंगे ध्वज
राम मंदिर के अलावा परिसर में बने सात अन्य मंदिरों पर भी केसरिया रंग के ध्वज लगाए जाएंगे.
इन ध्वजों में बीच में सूर्यदेव और ओंकार बने होंगे. इससे पूरा परिसर एक ही आस्था के रंग में नजर आएगा.
क्यों खास है 25 नवंबर?
यह दिन विवाह पंचमी है- श्रीराम और माता सीता के विवाह का शुभ दिन.
इसी शुभ समय में ध्वजारोहण होने से इसे बहुत पवित्र माना जा रहा है.
तैयारियां और व्यवस्थाएं
PM मोदी के आने के कारण सुरक्षा काफी बढ़ा दी गई है.
लगभग 6 से 8 हजार मेहमानों के आने की उम्मीद है.
पार्किंग और आवाजाही के लिए GPS वाले खास निर्देश बनाए गए हैं.
पूरे अयोध्या में सजावट, रोशनी और फूलों से त्योहार जैसा माहौल है.

