Ashadh Vinayaka Chaturthi 2022: विनायक चतुर्थी शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा की जाती. इस बार आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी रविवार, 03 जुलाई को पड़ रही है. इस शुभ दिन पर, भक्त भगवान गणेश की पूजा करते हैं और भगवान को प्रसन्न करने के लिए एक दिन का उपवास रखते हैं. कहा जाता है कि इस शुभ दिन का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं सुख-समृद्धि आती है. विनायक चतुर्थी की पूजा कर रहे तो इस दौरान गणेशजी की आरती और चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं.
आषाढ़ विनायक चतुर्थी 2022 तिथि और समय (Ashadh Vinayaka Chaturthi 2022 Date and Time)
पंचांग के अनुसार आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी 03 जुलाई रविवार को पड़ रही है. चतुर्थी तिथि 02 जुलाई को अपराह्न 03:16 बजे से प्रारंभ होकर 03 जुलाई को सायं 05:06 तक प्रभावी रहेगी. चूंकि दोपहर में गणेश पूजा की जाती है इसलिए विनायक चतुर्थी, पूजा का शुभ मुहूर्त रविवार को सुबह 11:02 बजे से दोपहर 01:49 बजे तक है.
विनायक चतुर्थी 2022 पूजा विधि (Vinayaka Chaturthi Puja Vidhi)
सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें.
साफ कपड़े पहनें.
भगवान गणेश की मूर्ति को एक साफ नए लाल कपड़े पर रखें और इसे ताजे फूलों और ध्रुव घास से सजाएं.
अब, भगवान के सामने एक दीया जलाएं और आरती करें.
भगवान को मिठाई, फूल, चंदन का भोग लगाएं.
इसके बाद सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत की शुरुआत करें.
आषाढ़ विनायक चतुर्थी के दिन बन रहे दो शुभ योग (Ashadh Vinayaka Chaturthi Shubh yoga)
आषाढ़ विनायक चतुर्थी पर इस बार दो शुभ योग बन रहे हैं. ये योग किसी भी नए व्यवसाय को शुरू करने के लिए सबसे शुभ माने जाते हैं. रवि योग 03 जुलाई को सुबह 05:28 से सुबह 06:30 बजे तक रहेगा जबकि सिद्धि योग दोपहर 12:07 बजे से शुरू होकर पूरी रात तक रहेगा. दिन का शुभ समय सुबह 11:57 बजे से दोपहर 12:53 बजे के बीच का है.
विनायक चतुर्थी महत्व (Vinayaka Chaturthi Significance)
सनातन परंपराओं में, भगवान गणेश को हमेशा किसी अन्य देवता से पहले पूजा जाता है. गणेश को विघ्नहर्ता के रूप में जाना जाता है, ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश के आशीर्वाद से कुछ भी शुरू करने से रास्ते में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. इसलिए हर महीने चतुर्थी तिथि के दिन भक्त उपवास रखते हैं और भगवान गणेश की पूजा करते हैं.
विनायक चतुर्थी मंत्र (Vinayaka Chaturthi Mantra)
श्री वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समाप्रभा.
निर्विघ्नं कुरु मे देवा सर्व-कार्येशु सर्वदा
ओम श्रीम गम सौभाग्य गणपतये.
वरवरदा सर्वजन्मा में वाशमण्य नमः
ओम एकदंतय विधामहे, वक्रतुंडय धिमही,
तन्नो दंति प्रचोदयात