19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भारत में इन स्थानों पर राम की नहीं, रावण की होती है पूजा

ऐसी मान्यता है कि विजयादशमी के दिन भगवान राम ने रावण को युद्ध में हरा कर उसका वध किया था. इसी कारण से इस दिन विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है. इसी के प्रतीक के रूप में राम की पूजा और रावण का पुतला जलाया जाता है, लेकिन देश में ऐसी कई जगह है, जहां […]

ऐसी मान्यता है कि विजयादशमी के दिन भगवान राम ने रावण को युद्ध में हरा कर उसका वध किया था. इसी कारण से इस दिन विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है. इसी के प्रतीक के रूप में राम की पूजा और रावण का पुतला जलाया जाता है, लेकिन देश में ऐसी कई जगह है, जहां पर दशहरे के दिन राम की नहीं, बल्कि रावण की पूजा होती है.

मंदसौर, मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के खानपुरा क्षेत्र में रावण रूंडी नामक स्थान पर रावण की विशाल मूर्ति है. कथाओं के अनुसार, रावण दशपुर (मंदसौर) का दामाद था. उसकी पत्नी मंदोदरी मंदसौर की निवासी थीं. मंदोदरी के नाम पर ही दशपुर का नाम मंदसौर पड़ा. मंदसौर रावण का ससुराल होने के कारण रावण का दहन नहीं किया जाता, बल्कि पूजा की जाती है.

कोलार, कर्नाटक

कर्नाटक के कोलार जिले में फसल महोत्सव के दौरान भगवान शिव के परम भक्त रावण की पूजा की जाती है. लंकेश्वर महोत्सव के इस अवसर पर भगवान शिव के साथ रावण की प्रतिमा का भी जुलूस निकाला जाता है. इसी राज्य के मंडया जिले के मालवल्ली तहसील में रावण का एक मंदिर भी है. यहां भी दशहरा में रावण का पुतला नहीं जलाया जाता है.

जोधपुर, राजस्थान

जोधपुर जिले के मंदोदरी नामक क्षेत्र को रावण और मंदोदरी के विवाह का स्थल माना जाता है. जोधपुर में रावण और मंदोदरी के विवाह स्थल पर आज भी रावण की चवरी नामक एक छतरी मौजूद है. शहर के चांदपोल क्षेत्र में रावण का मंदिर बनाया गया है. यही कारण है कि यहां भी दशहरा में रावण का पुतला नहीं जलाया जाता है.

बैजनाथ, हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में शिवनगरी के नाम से मशहूर बैजनाथ कस्बा है. यहां के लोग रावण का पुतला जलाना महापाप मानते हैं. यहां पूरी श्रद्धाभाव से रावण की पूजाकी जाती है. मान्यता है कि यहां रावण ने कुछ साल बैजनाथ में भगवान शिव की तपस्या कर मोक्ष का वरदान प्राप्त किया था. इस कारण से यहां भी रावण दहन की परंपरा नहीं है.

बिसरख व जसवंत नगर, यूपी

उत्तर प्रदेश के बिसरख व जसवंत नगर नामक जगहों में रावण की पूजा की जाती है. विसरख गांव रावण का ननिहाल माना जाता है. रावण के पिता विश्वश्रवा के कारण इसका नाम बिसरख पड़ा. जसवंत नगर में दशहरे के दिन रावण की पूजा की जाती है. उसके बाद रावण के टुकड़े कर दिये जाते हैं और तेरहवें दिन रावण की तेरहवीं भी की जाती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें