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सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण आज, जानिए किस राशि पर कितना पड़ेगा असर, दुष्प्रभाव से बचने के क्‍या हैं उपाय

पं दीनबंधु उपाध्याय भारतीय समयानुसार रात 11:54 बजे शुरू होगा चंद्रग्रहण, रात 2:43 बजे समाप्त होगा इस सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण शुक्रवार (27 जुलाई/आषाढ़ शुक्ल पुर्णिमा) को लगने वाला है. इस ग्रहण का स्पर्श और मोक्ष (शुरुआत और समाप्ति) दोनों भारत में दिखेंगे. भारतीय समयानुसार चंद्रग्रहण रात 11:54 बजे शुरू होगा. इसका मध्य रात […]

पं दीनबंधु उपाध्याय
भारतीय समयानुसार रात 11:54 बजे शुरू होगा चंद्रग्रहण, रात 2:43 बजे समाप्त होगा
इस सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण शुक्रवार (27 जुलाई/आषाढ़ शुक्ल पुर्णिमा) को लगने वाला है. इस ग्रहण का स्पर्श और मोक्ष (शुरुआत और समाप्ति) दोनों भारत में दिखेंगे. भारतीय समयानुसार चंद्रग्रहण रात 11:54 बजे शुरू होगा.
इसका मध्य रात 1:52 बजे होगा. जबकि यह रात 2:43 बजे समाप्त हो जायेगा. ज्योतिषविदों के अनुसार इस चंद्रग्रहण की पूर्ण अवधि 3 घंटे और 55 मिनट की है. वहीं, इसका सूतक नौ घंटे पहले (दोपहर 2:45 बजे) ही लग जायेगा.
सूतक लगते ही मंदिरों के कपाट बंद कर दिये जायेंगे. इससे पहले मंदिरों में होने वाले सभी अनुष्ठान पूरे कर लिये जायेंगे. शनिवार तड़के साफ-सफाई कर पूजा-अर्चना के बाद मंदिरों के कपाट खोले जायेंगे. गौरतलब है कि शनिवार से श्रावण मास भी शुरू हो रहा है.
किस राशि पर क्या असर पड़ेगा
कोलकाता के पंडित दीनबंधु उपाध्याय के अनुसार इस चंद्रग्रहण का मेष, सिंह, वृश्चिक और मीन राशि पर चंद्रग्रहण का अच्छा असर पड़ेगा. वहीं मिथुन, तुला, मकर और कुंभ राशि पर ठीक प्रभाव नहीं रहेगा. इसके अलावा वृषभ, कर्क, धनु और कन्या पर चंद्रग्रहण का प्रभाव मिश्रित रहेगा. इसीलिए जिन राशियों के लिए ये शुभ फल देनेवाला नहीं है, वो भी कुछ उपाय करके इसके दुष्प्रभाव से बच सकते हैं.
सनातन धर्म परम्परा के अनुसार, ग्रहण के दौरान अपने इष्ट के साथ ही महादेव के नाम का जाप करते रहने मात्र से ग्रहण का प्रभाव कम हो जाता है, साथ ही सूतक लगने के बाद भी अगर किसी को अन्न-जल ग्रहण करने बाध्यता हो, खासकर किसी बीमार व्यक्ति को औषधि लेनी हो तो तुलसी जी का आश्रय लिया जाता है. तुलसी जी का पत्र डालकर ही अन्न-जल ग्रहण करें. वैसे ग्रहण काल में अन्न-जल ग्रहण नहीं करना ही उचित है.
दुष्प्रभाव से बचने के उपाय
ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए प्रभावित राशियों के जातकों को ग्रहण काल के दौरान शिव चालीसा का पाठ या भगवान शिव के नामों का जाप करें
– जरुरतमंदों को अनाज दान करें. इस दौरान तुलसी का पत्ता खाना भी अच्छा रहेगा
– जिन क्षेत्रों में ग्रहण दिखायी दे रहा है, वहां रहनेवाले लोगों को ग्रहण से पहले खाने-पीने की चीजों (केवल तैयार भोजन) में तुलसी के पत्ते डाल देना चाहिए. तुलसी की वजह से इन चीजों पर ग्रहण का असर नहीं होता है
– ग्रहण के समय मंत्रों का मानसिक जाप करना चाहिए. मानसिक जाप यानी धीरे-धीरे अपने इष्टदेव के मंत्रों का जाप करना चाहिए
– सनातन परम्परा के अनुसार, ग्रहण के बाद रसोई और पूरे घर की सफाई करनी चाहिए. अगर संभव हो सके तो किसी पवित्र नदी में स्नान करें. दान-पुण्य करें.
ग्रहण के दौरान ये न करें
– ग्रहण काल में पति-पत्नी को दाम्पत्य संबंध बनाने से बचना चाहिए. ग्रहण के समय बने संबंध से उत्पन्न होनेवाली संतान को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है
– ग्रहण काल में पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए, केवल मानसिक जाप करने का विधान है
– ग्रहण से पहले पका हुआ भोजन ग्रहण के बाद नहीं खाना चाहिए
– गर्भवती स्त्री को ग्रहण काल में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. वरना गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है.

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