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आज यम का दीया जलाइए, छोटी दीवाली ऐसे मनाइए, ये है दीप जलाने का मंत्र

ॐ दत्तो दीपश्चतुर्दश्यां यमस्य प्रीतये मया। चतुवर्तिसमायुक्त: सर्वपापापनुत्तये।। आज यम के नाम दीपक जलाइए, दुख-संताप दूर भगाइए और छोटी दीवाली मनाइए. बुधवार को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी है, जो नरक चतुर्दशी या रूप चतुर्दशी भी कहलाती है. ज्योतिषियों के अनुसार सनत्कुमार संहिता कहती है कि इस दिन सूर्योदय से पूर्व प्रत्यूष काल […]

ॐ दत्तो दीपश्चतुर्दश्यां यमस्य प्रीतये मया।
चतुवर्तिसमायुक्त: सर्वपापापनुत्तये।।
आज यम के नाम दीपक जलाइए, दुख-संताप दूर भगाइए और छोटी दीवाली मनाइए. बुधवार को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी है, जो नरक चतुर्दशी या रूप चतुर्दशी भी कहलाती है. ज्योतिषियों के अनुसार सनत्कुमार संहिता कहती है कि इस दिन सूर्योदय से पूर्व प्रत्यूष काल में स्नान करने से मनुष्य को यमलोक का दर्शन नहीं करना पड़ता है.
स्नान करने के बाद शुद्ध वस्त्र पहनकर, तिलक लगाकर दक्षिणाभिमुख हो यम-तर्पण करने पर विशेष फल प्राप्त होता है. पं श्रीपति त्रिपाठी और आचार्य राजकुमार पांडे कहते हैं कि इससे वर्ष भर के पाप नष्ट हो जाते हैं. इस दिन देवताओं का पूजन करके दीपदान करना चाहिए. इस दिन को मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम, उनकी पत्नी माता सीता और उनके भाई लक्ष्मण के द्वारा राक्षस राज रावण पर विजय के बाद 14 साल वनवास से वापसी की खुशी मनाते हैं. आम तौर पर श्री गणेश, सरस्वती और कुबेर की भोग-पूजा की जाती है.
यहां करें दीपदान
मंदिरों, गुप्त गृहों, रसोईघर, स्नानघर, देव वृक्षों, सभा भवन, नदियों के किनारे, चहारदीवारी, बगीचे, बावली, गली-कूचे, गोशाला आदि प्रत्येक स्थान पर दीपक जलाना चाहिए. त्रयोदशी से अमावस्या तक दीप जलाने चाहिए. सायंकाल चौमुखी दीपक जला कर मुख्य द्वार के सामने रखा जाता है.

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