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Raja Raghuvanshi की मौत और मंगल दोष का रहस्य,  आपकी कुंडली में भी है ऐसा योग

Raja Raghuvanshi Murder Case, Kundli Mein Mangal Dosh: इंदौर के राजा रघुवंशी की हनीमून ट्रिप पर रहस्यमय मौत ने सबको चौंका दिया. लोग इसे कुंडली में मौजूद मंगल दोष से जोड़ रहे हैं. क्या वास्तव में मांगलिक दोष इतना खतरनाक हो सकता है? जानिए उज्जैन के ज्योतिषाचार्य से मंगल दोष का रहस्य और इससे बचने के उपाय.

Raja Raghuvanshi Murder Case: मेघालय में हुए इंदौर के राजा रघुवंशी की हत्या मामले में अब एक चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है. इस केस में मेघालय पुलिस ने राजा रघुवंशी की पत्नी सोनम रघुवंशी को गिरफ्तार कर लिया है. जानकारी के मुताबिक, सोनम को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से पकड़ा गया, जहां उसका मेडिकल परीक्षण भी कराया गया.

अब मेघालय पुलिस सोनम को शिलांग ले जाकर पूरे मामले की गहराई से पूछताछ करेगी. पुलिस सूत्रों के अनुसार, सोनम का अपने पति राजा रघुवंशी से नहीं, बल्कि राज कुशवाहा नामक युवक से प्रेम संबंध था. बताया जा रहा है कि इसी प्रेम प्रसंग के चलते राजा रघुवंशी की हत्या की साजिश रची गई. गिरफ्तारी के बाद इस हत्याकांड से जुड़े कई राज धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं.

ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि इस हत्याकांड की जड़ें कहीं राजा के जन्म कुंडली में तो नहीं छिपी हैं. ज्योतिषाचार्य अनुमान लगा रहे हैं कि कहीं राजा या सोनम की कुंडली में मंगलदोष तो नहीं हैं. माना जाता है कि मंगल दोष वैवाहिक जीवन के साथ-साथ व्यक्ति की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डालता है. अगर समय रहते इसका उपाय न किया जाए, तो यह गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है.

क्या होता है मंगल दोष?

उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. रवि शुक्ला बताते हैं कि अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में स्थित हो, तो उसे मांगलिक दोष कहा जाता है. यह दोष विशेषकर विवाह के बाद दांपत्य जीवन को प्रभावित करता है. इससे पारिवारिक कलह, आर्थिक संकट, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां और कभी-कभी अकाल मृत्यु जैसी आशंकाएं भी जुड़ी रहती हैं.

क्या पूरी तरह खत्म हो सकता है मंगल दोष?

ज्योतिषाचार्य डॉ एन के बेरा कहते हैं कि दोषों की पूरी समाप्ति संभव नहीं है, लेकिन उनके प्रभावों को शांत किया जा सकता है. जैसे किसी बीमारी में दवा से आराम तो मिलता है, लेकिन बीमारी पूरी तरह खत्म हो, इसकी गारंटी नहीं होती – वैसे ही दोषों का उपाय करने से जीवन में संतुलन आता है, पर समस्या का पूर्ण अंत नहीं कहा जा सकता.

उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में होता है मंगल दोष का शमन

धार्मिक नगरी उज्जैन में स्थित मंगलनाथ मंदिर को मंगल ग्रह की जन्मस्थली माना जाता है. यहां विशेष रूप से ‘भात पूजा’ कराई जाती है, जिसमें चावल से भगवान मंगल की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस पूजा से कुंडली में मंगल के दोषों को शांत किया जा सकता है. प्रतिदिन देशभर से सैकड़ों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और विशेष अनुष्ठान कराते हैं ताकि उनके वैवाहिक जीवन में मंगल बना रहे.

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