Karwa Chauth 2025: करवा चौथ का पावन पर्व सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए करती हैं. यह पर्व हर वर्ष कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस वर्ष यह पर्व 10 अक्टूबर (शुक्रवार) के दिन मनाया जाएगा.ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस वर्ष करवा चौथ के पावन दिन पर ग्रहों का विशेष संयोग बन रहा है, जो व्रत के प्रभाव को दोगुना कर देगा. साथ ही इस खास संयोग का लाभ कुछ विशेष राशि वाले जातकों को भी प्राप्त होगा.आइए जानते हैं, इस करवा चौथ पर कौन-कौन से शुभ योग बन रहे हैं और किन राशियों को इसका लाभ मिलेगा.
कौन-कौन से खास संयोग बन रहे हैं इस करवा चौथ पर?
इस बार करवा चौथ का पर्व शुक्रवार को पड़ रहा है. यह दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को समर्पित माना जाता है. ऐसे में व्रत रखने वाली महिलाओं को करवा माता के साथ-साथ भगवान गणेश और माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा.
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस करवा चौथ के दिन ग्रहों का दुर्लभ संयोग बनने वाला है. इस दिन शनि ग्रह मीन राशि में रहेंगे, बृहस्पति और चंद्रमा मिथुन राशि में होंगे, जबकि शुक्र ग्रह करवा चौथ से एक दिन पहले कन्या राशि में गोचर करेंगे.
इसके अलावा, करवा चौथ के दिन कृतिका नक्षत्र का योग रहेगा, जो व्रत के फल को कई गुना बढ़ा देगा.
किन राशियों को मिलेगा लाभ?
कर्क राशि: करवा चौथ का दिन कर्क राशि के जातकों के लिए अत्यंत फलदायक रहेगा. इस दिन पुराने विवादों का अंत होगा और अटके हुए कार्य पूरे होंगे. धन लाभ की संभावना है तथा जीवन में शांति और स्थिरता आएगी.
मेष राशि: मेष राशि के जातकों के लिए यह करवा चौथ बहुत शुभ रहेगा. ग्रहों के विशेष संयोग से रिश्तों में मधुरता और मजबूती आएगी. आर्थिक परेशानियों से राहत मिलेगी. वैवाहिक जीवन में आपसी समझ और प्रेम बढ़ेगा. जिन लोगों के विवाह के योग बन रहे हैं, उनके लिए भी यह समय शुभ रहने वाला है.
क्या है करवा चौथ के दिन चंद्रमा उदय का समय?
करवा चौथ के दिन चंद्रमा उदय का समय रात 8 बजकर 13 मिनट रहेगा.
पूजा और कथा सुनने का शुभ मुहूर्त क्या है?
करवा चौथ व्रत सुबह सूर्योदय के साथ शुरू हो जाता है. शाम के समय माता करवा की पूजा की जाती है और व्रत कथा का पाठ किया जाता है.इस वर्ष पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 57 मिनट से रात 7 बजकर 11 मिनट तक रहेगा.
व्रत का पारण कब और कैसे करें?
पूजा समाप्त होने के बाद शुभ मुहूर्त में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद महिलाएं व्रत खोल सकती हैं. व्रत के पारण के समय सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए. इस दिन तामसिक पदार्थों का सेवन वर्जित माना गया है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.
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