19.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

भारत के साथ मिशन 500 पर हस्ताक्षर के बाद ट्रंप ने लगाया 50% टैरिफ, 5 प्वाइंट्‌स में समझें क्या होगा प्रभाव

Trump 50 Tariff : भारत और अमेरिका की बढ़ती दोस्ती पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के 50% टैरिफ बोझ ने बड़ा दबाव बना दिया है. इस बोझ तले यह दोस्ती कितनी देर तक सांस ले पाएगी, इसकी चर्चा पूरा विश्व कर रहा है. अगर भारत और अमेरिका के संबंध और बिगड़े तो पूरे विश्व के रणनीतिक और राजनयिक फैसलों पर इसका असर दिखेगा. क्वाड और ब्रिक्स जैसे संगठनों का गणित बदल सकता है, वहीं भारत की अर्थव्यवस्था पर भी इस 50% टैरिफ का असर दिखेगा.

Trump 50 Tariff : फरवरी 2025 में भारत और अमेरिका ने द्विपक्षीय व्यापार के लिए ‘मिशन 500’ पर हस्ताक्षर किया था और मात्र छह महीने बाद ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत के खिलाफ टैरिफ का जाल बुनना शुरू कर दिया. स्थिति यह है कि आज 27 अगस्त से भारत पर अमेरिका ने 50% टैरिफ लागू कर दिया है. भारत से अमेरिका निर्यात किए जाने वाले सामानों पर 50% टैरिफ लगाए जाने का व्यापक प्रभाव ना सिर्फ दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों पर पड़ेगा, बल्कि इसके राजनीतिक परिणाम भी देखने को मिलेंगे. ‘मिशन 500’ के तहत दोनों देश अपने द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक दोगुना करके 500 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना चाहते थे.

1. चार बार ट्रंप की कॉल्स टालने के क्या हैं मायने?

मंगलवार 26 जनवरी को ऐसी खबर आई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फोन कॉल को लेने से मना कर दिया. हालांकि इस बात की कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपने वाशिंगटन के संवाददाता के हवाले से ऐसी खबर प्रकाशित की है, जिसमें यह बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल के हफ्तों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चार फोन कॉल लेने से इनकार कर दिया है. एक जर्मन अखबार ने यह दावा किया है कि अमेरिका और भारत के रिश्तों में खटास आई है.फोन कॉल ना लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत, अमेरिकी दबाव के आगे नहीं झुकेगा. उसे अपने देश के लोगों के हितों की ज्यादा चिंता है. एक जापानी अखबार ने भी इस बारे में खबर छापी है कि भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते बिगड़ रहे हैं और भारत ने एक तरह से यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि वह अपने अनुसार अमेरिका और चीन के साथ संबंध स्थापित करेगा. एक संभावना यह भी जताई जा रही है कि फोन कॉल पर बातचीत को गलत ढंग से पेश करने की आशंका की वजह से भी पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति के फोन कॉल को टाल दिया है.

2. किन क्षेत्रों पर लागू हो रहा है 50% टैरिफ

Pm-Modi-And-Us-President-Trump-2
भारत के पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप

भारत से अमेरिका लगभग 87 बिलियन डॉलर का आयात करता है. अब जबकि टैरिफ में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, तो निश्चित तौर पर आयात पर भारी असर पड़ेगा. 25% के टैरिफ से पहले अमेरिका, भारत पर 0-5% तक टैरिफ लगाता था. टैरिफ बढ़ने से भारत से अमेरिका जाने वाले सामानों की कीमत बढ़ जाएगी जिसकी वजह से अमेरिका में उनकी मांग घट सकती है. यह भारतीय निर्यातकों के लिए बड़ा झटका होगा. खासकर स्टील, फार्मा, टेक्सटाइल, ज्वेलरी के उत्पादों में यह असर साफ दिखेगा. परिणाम यह होगा कि भारत का निर्यात आय घटेगा और लाखों नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं. थिंक टैंक, ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव का कहना है कि अमेरिका को निर्यात किए गए 86.51 अरब डॉलर मूल्य के उत्पादों में से लगभग 60.2 अरब डॉलर (66 प्रतिशत) पर अब 50 प्रतिशत टैरिफ लगेगा. इसके परिणाम का अनुमान लगाते हुए कहा गया है कि अमेरिका को उत्पाद निर्यात 2024-25 के लगभग 87 अरब डॉलर से घटकर इस वर्ष 49.6 अरब डॉलर तक रह सकता है.

जिन सेक्टर पर 50% टैरिफ का सबसे ज्यादा प्रभाव

वस्तु (Items)भारत के निर्यात में अमेरिका का हिस्सा (%)अमेरिका के आयात में भारत का हिस्सा (%)टैरिफ मुक्त (Tariff Exempt)निर्यात पर प्रभाव (Impact on Exports)अनुमानित मूल्य ($ बिलियन)
पूंजीगत वस्तुएं (Capital Goods)18%2%नहीं (No)उच्च (High)12
वस्त्र (Textiles)28%9%नहीं (No)मध्यम (Moderate)5
रत्न और आभूषण (Gems & Jewellery)31%13%नहीं (No)मध्यम (Moderate)5
फार्मास्यूटिकल्स (Pharmaceuticals)36%6%हां (Yes)कम (Low)0
स्मार्टफोन (Smartphones)33%6%हां (Yes)कम (Low)0
रसायन (Chemicals)14%3%नहीं (No)उच्च (High)7
खाद्य और पेय (Food & Beverages)11%2%नहीं (No)उच्च (High)6
तेल और गैस (Oil & Gas)6%1%हां (Yes)कम (Low)0
ऑटो (Auto)12%1%नहीं (No)उच्च (High)3

3. 50% टैरिफ के रणनीतिक और राजनयिक असर

भारत के निर्यात पर अगर अमेरिका ने 50% टैरिफ अधिक दिनों तक लगाकर रखा, तो इसके गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं और इसका प्रभाव रणनीतिक और राजनयिक दोनों हो सकता है. भारत और अमेरिका के बीच क्वाड (Quad) जैसे संगठन में मजबूत साझेदारी रही है, जो टैरिफ की वजह से कमजोर हो सकती है और ब्रिक्स देशों के साथ उसके संबंध परिस्थति वश ज्यादा मजबूत हो सकते हैं. ब्रिक्स देशों में से सिर्फ चीन ही ऐसा है, जिसके साथ भारत के विवाद रहे हैं, लेकिन अमेरिका की मनमानी की वजह से भारत, चीन के साथ अपने रिश्तों को एकबार फिर परिभाषित कर सकता है. यह स्थिति डोनाल्ड ट्रंप के लिए परेशानी का सबब बन सकती है. चीनी विदेश मंत्री वांग यी के हालिया भारत दौरे और पीएम मोदी के चीन दौरे ने इस बात के स्पष्ट संकेत दे भी दिए हैं.

4. भारत के निर्यात बाजार को लगेगा भारी झटका

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर जो टैरिफ लगाया है, वह दुनिया में सबसे ज्यादा टैरिफ में से एक है. इस टैरिफ के प्रभाव से भारत का निर्यात तो प्रभावित हो ही रहा है. रोजगार और देश के विकास पर भी इसका व्यापक प्रभाव देखने को मिलेगा. पाकिस्तान, बांग्लादेश, वियतनाम और कंबोडिया जैसे देशों पर अमेरिका ने भारत की तुलना में काफी कम टैरिफ लगा रखा है, जिसकी वजह से अमेरिका के बाजार में भारतीय सामानों को प्रतियोगिता का सामना करना पड़ेगा और महंगे होने की वजह से उनके प्रति अमेरिकियों का आकर्षण कम हो सकता है, जिससे उसकी मांग गिरेगी. अमेरिका में मांग गिरने की वजह से भारत में नौकरियों पर असर पड़ेगा. कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, कालीन, झींगा और फर्नीचर जैसे क्षेत्रों में नौकरी के जाने की आशंका बहुत बढ़ गई है. क्रिएटिव ग्रुप के चेयरमैन विजय कुमार अग्रवाल, जो बुने हुए कपड़े और परिधान दोनों में विशेषज्ञता रखते हैं, ने मनीकंट्रोल को बताया कि उन्हें आठ में से कम से कम दो कारखानों को बंद करना पड़ सकता है, जिससे लगभग 6,000 से 7,000 श्रमिकों की नौकरी चली जाएगी. साथ ही आईटी सेक्टर पर भी इस टैरिफ की वजह से नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा है.

5. भारत के जीडीपी पर असर और विकल्प

निर्यात को इतने बड़े झटके के बाद, भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव पर मंथन जारी है. इस बीच प्रमुख वित्तीय संस्थान गोल्डमैन सैक्स ने कहा है कि अगर अमेरिका का 50% टैरिफ भारत पर जारी रहा, तो जीडीपी इससे प्रभावित होगा. गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि जीडीपी में 0.03% से 0.06% तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है. वहीं रुपए पर भी इस टैरिफ का असर दिखेगा और रुपए में डाॅलर के मुकाबले गिरावट दर्ज की जाएगी. वहीं इन हालात में भारत के पास अपने निर्यात के लिए अन्य विकल्प तलाशने का मौका है. इसके लिए भारत की ओर से प्रयास भी तेज कर दिए गए हैं. भारत यह कोशिश कर रहा है कि वह विश्व के दूसरे सबसे बड़े आयातक यूरोपीय संघ में अपनी पैठ बनाएं. यहां भारत के निर्यात की पहुंच महज 2% है. यहां भारत अपने कपड़ों, आभूषण और फार्मास्यूटिकल्स उत्पाद को भेज सकता है. यूएई में भी भारत अपना निर्यात बढ़ा सकता है. यहां से भारत के व्यापारिक संबंध मजबूत ही रहे हैं. यूएई में भारत से इलेक्ट्रॉनिक सामानों का 12% निर्यात होता है. इनके अलावा यूके, अफ्रीका, आस्ट्रेलिया और दक्षिण-एशियाई देशों में भी भारत अपने विकल्पों की खोज कर सकता है.

ये भी पढ़ें : क्या है टैरिफ जिसको लेकर देश में मचा है बवाल, किसे मिलता है इसका लाभ और किसे होता है नुकसान?

बिहार में SIR और राहुल गांधी के Vote Chori के आरोप की 5 बड़ी बातें जो आपको जाननी चाहिए

50% टैरिफ की धमकी देकर भारत से क्या चाहते हैं ट्रंप, जिसे मानने को तैयार नहीं है सरकार; जानिए पूरी बात

PM, CM और मंत्रियों को पद से हटाने वाले बिल में क्या है खास, जानें कैसे यह बदल सकता है राजनीति का चरित्र

Rajneesh Anand
Rajneesh Anand
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक. प्रिंट एवं डिजिटल मीडिया में 20 वर्षों से अधिक का अनुभव. राजनीति,सामाजिक मुद्दे, इतिहास, खेल और महिला संबंधी विषयों पर गहन लेखन किया है. तथ्यपरक रिपोर्टिंग और विश्लेषणात्मक लेखन में रुचि. IM4Change, झारखंड सरकार तथा सेव द चिल्ड्रन के फेलो के रूप में कार्य किया है. पत्रकारिता के प्रति जुनून है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel