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Meerut Muskan Case In Hindi : 3 मार्च की रात को एक पत्नी ने अपने पति की हत्या जिस हैवानियत के साथ की, उसके बाद से भारतीय समाज में शादी जैसे मजबूत सोशल कॉन्ट्रैक्ट है पर से लोगों का विश्वास हिला तो नहीं है, लेकिन उसे एक झटका जरूर लगा है. शादी दो परिवारों के बीच समझौते का परिणाम है, जिसकी वैधता को लेकर मान्यता है कि यह सात जन्मों का साथ है. वैसी शादी में अगर कोई पत्नी इस तरह का काम करे, तो यह जानने की इच्छा सबको होती है कि क्या इतिहास में भी इस तरह की कोई घटना हुई है या मुस्कान रस्तोगी पहली ऐसी महिला है.
भारत में पति की हत्या करवाने के मामले बहुत सीमित
भारत के इतिहास पर नजर डालें तो ना तो प्राचीन इतिहास, ना मध्यकालीन इतिहास में इस तरह की कोई जानकारी सामने आती है, जिसमें यह बताया गया हो कि किसी महिला ने अपने पति की हत्या की या करवाई. हालांकि 18वीं शताब्दी में एक महिला का नाम सामने आता है जिसपर यह आरोप लगाए जाते हैं कि उसने अपने की हत्या करवाई, उसका नाम था बेगम समरू.
बेगम समरू पर पति की हत्या करवाने का शक
मेरठ की बेगम समरू जिसका असली नाम फरजाना था, उसके बारे में यह कथाएं प्रचलित हैं कि उसने सत्ता के लिए अपने पति की हत्या करवाई थी. बात 18वीं शताब्दी की है जब मुगल साम्राज्य का पतन हो रहा था, दिल्ली की एक तवायफ फरजाना को एक यूरोपीय सैनिक से प्यार हो गया. दोनों ने शादी की और बाद में उन्हें मेरठ के पास सरधना की जागीरदारी सौंपी गई थी. बेगम समरू ने अपने पति के प्रभाव में आकर क्रिश्चयन धर्म अपना लिया था, लेकिन उसके संपर्क अन्य लोगों से भी थे. कहा जाता है कि उसने सत्ता के लिए अपने पति की हत्या करवा दी थी और खुद सरधना की जागीरदार बन गई थी. हालांकि इस बात के कोई ऐतिहासिक प्रमाण मिलते नहीं है.
विश्व इतिहास में कई ऐसी महिलाएं जिसने पति की हत्या करवाई

विश्व इतिहास में कई ऐसी महिलाओं का जिक्र आता है, जिनपर पति की हत्या करने या करवाने का आरोप लगता है. मैरी एन कॉटन ऐसी ही एक महिला थी जिसने अपने चार पतियों को जहर देकर मारा था. उसका उद्देश्य लाइफ इंश्योरेंस की पाॅलिसी लेना था, इसके लिए वह आर्सेनिक का प्रयोग करती थी.
मेरठ की घटना से पहले भी कुछ महिलाओं ने अपने पति की हत्या करवाई
मेरठ में जिस प्रकार मुस्कान रस्तोगी ने अपने पति सौरभ की हत्या अपने प्रेमी के साथ मिलकर की उसकी तरह की एक घटना हाल ही में बेंगलुरू से सामने आई थी जहां एक बिजनेस मैन लोकनाथ सिंह की हत्या उसकी पत्नी और सास ने मिलकर कर दी. हत्या की वजह अवैध संबंध और पैसा था. उत्तर प्रदेश के औरैया में भी एक व्यक्ति दिलीप कुमार की हत्या उसकी पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर कर दी.यह घटना भी हाल ही में सामने आई है.
क्या कहते हैं मनोविज्ञानी
मनोविज्ञानी डाॅ भूमिका सच्चर कहती हैं कि मुस्कान रस्तोगी का जो केस है, उस तरह की हत्या एक साइकोपैथ कर सकता है, जो समाज के लिए खतरनाक होता है. इस तरह के लोगों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए. साइकोपैथ एंटी सोशल एलिमेंट हैं और जब वे कुछ करने का ठान लेते हैं या उन्हें इस तरह का महसूस होता है कि कोई व्यक्ति उनके हितों के आड़े आ रहा है, तो वे इस तरह की हरकत करते हैं. हत्या में जिस तरह की बर्बरता की गई है वह साबित करती है कि उस महिला के पास नैतिकता नाम की कोई चीज नहीं थी. वह भावनाओं से परे थी. लेकिन कुछ लोग इस तरह के भी होते हैं तो बहुत ही तनाव भरा या डरावना जीवन जीते हैं, उन्हें जब यह लगने लगता है कि अब उनके पास कोई जरिया नहीं बचा है तब ही वे हत्या जैसी घटना को अंजाम देते हैं. समाज में जिस तरह नैतिक मूल्यों की कमी आई है, परिवार टूटे हैं, सोशल मीडिया का प्रभाव बढ़ा है, व्यक्ति आत्मकेंद्रित हो गया है, इस तरह की घटनाएं हो रही हैं. यहां जरूरी यह है कि हम इन घटनाओं से डरें नहीं, बल्कि अपने परिवार और बच्चों को बताएं कि यह कितनी डरावनी और समाज को कलंकित करने वाली है. जो अच्छी बातें समाज में हो रही हैं, उनका प्रचार किया जाना चाहिए. नैतिक मूल्यों की जानकारी दी जानी चाहिए, तब ही इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है.
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