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Greta Thunberg Detained: कौन हैं ग्रेटा थनबर्ग, जिन्होंने कहा ‘हाऊ डेयर यू’, अब इजरायल की हिरासत में

Greta Thunberg Detained: स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता और नोबेल पीस प्राइज विजेता ग्रेटा थनबर्ग और उनके 11 साथियों को मैडलीन जहाज सहित इजरायल की सेना ने कब्जे में ले लिया है. ग्रेटा गाजा के लोगों के लिए राहत सामग्री लेकर जा रही थी. सभी को इजरायल ले जाया गया है. ग्रेटा ने एक वीडियो जारी करके अपने समर्थकों से मदद मांगी है.

Greta Thunberg Detained: इजरायल ने 2 मार्च से युद्ध प्रभावित गाजा में राहत सामग्री ले जाने पर रोक लगा दी है. जिससे वहां रह रहे 20 लाख से अधिक लोग भुखमरी की कगार पर हैं. इनमें भूख से सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे हैं और कई बच्चों की मौत की सूचना भी है. ग्रेटा थनबर्ग इटली के सिसली से 1 जून को द मैडलीन नामक जहाज से गाजा के बच्चों की मदद के लिए दवाएं, दूध, डायपर, वाटर प्यूरीफायर और खाना आदि लेकर निकली थी. ग्रेटा की इस यात्रा पर इजरायल सरकार ने आपत्ति जतायी थी. सोमवार सुबह 9 जून को बीच समुद्र में उन्हें इजरायल के सुरक्षा बलों ने रोककर अपनी हिरासत में ले लिया था.

कई देशों के मानवाधिकार कार्यकर्ता साथ में

गाजा के लोगों की मदद के लिए फ्रीडम फ्लोटिला नाम के संगठन ने यह अभियान शुरू किया था. इसमें कई अन्य देशों के मानवाधिकार कार्यकर्ता भी शामिल हैं. ग्रेटा थनबर्ग के अलावा जर्मनी की यासमीन जार, ब्राजील के थियागो अविला, फ्रांस की रेवा वियार्ड, फ्रांस की सांसद रीमा हसन, फ्रांस के बैप्टिस्टे आंद्रे, फ्रांस के उमर फईद, यानीस महादी, तुर्किए के सूयाब ओर्दू, स्पेन के सर्गियो टॉर्बियो, नीदरलैंड के मार्कों वैन रेन्स को भी इजरायली सुरक्षा बलों ने हिरासत में लिया है. इससे पहले मई 2025 में भी फ्रीडम फ्लोटिला संगठन एक बार गाजा के लोगों को राहत पहुंचाने की कोशिश की गई थी, लेकिन इजरायल की सेना ने उसे भी रोक दिया था.

कौन हैं ग्रेटा थनबर्ग

ग्रेटा थनबर्ग संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन 2019 से चर्चा में आई थीं. जब उन्होंने ‘हाऊ डेयर यू’ भाषण देकर लोगों को आकर्षित किया था. अपने भाषण में उन्होंने कहा था कि बड़े-बड़े वादों की वजह से बच्चों का बचपन और सपने बर्बाद हो रहे हैं. इसके बाद 2019 में उन्हें टाइम मैगजीन ने पर्सन ऑफ द ईयर चुना था. हालांकि ग्रेटा थनबर्ग 2018 में उस समय चर्चा में आई थी. जब उन्होंने स्कूल जाना छोड़ दिया था. वह उस समय मात्र 15 साल की थीं. वह स्वीडन की संसद के बाहर अकेले धरने पर बैठ गई थी. उनके हाथ में एक पोस्टर रहता था, जिस पर लिखा रहता था कि जलवायु के लिए स्कूल की हड़ताल. उनके इस अभियान से धीरे-धीरे और बच्चे जुड़ने लगे थे. इसके बाद ग्रेटा के इस आंदोलन को ‘फ्राइडेज फॉर फ्यूचर’ के नाम से जाना गया था. ग्रेटा पर्यावरण की रक्षा के लिए हवाई जहाज से यात्रा नहीं करती और मांसाहार से दूर रहती हैं.

गाजा पट्टी की 17 साल से नाकाबंदी

इजरायल ने गाजा पट्टी की 2007 से नाकाबंदी कर रखी है. गाजा पर हमास के कब्जे के बाद इजरायल ने समुद्र, आसमान और जमीन तीनों तरफ से गाजा को घेर लिया था. उसका कहना था कि इजरायल की सुरक्षा के लिए ये जरूरी कदम है. इस वजह से बिना इजरायल की अनुमति के कोई भी वहां जा नहीं सकता है.

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