Amitabh Bachchan Birthday : अमिताभ बच्चन 83 साल के हो गए हैं, लेकिन उनकी एनर्जी आज भी हर जेनेरेशन के लोगों को प्रेरित करती है और वे सबके फेवरेट बने हुए हैं. अमिताभ बच्चन अक्सर एक बात दोहराते रहते हैं -मन का हो तो अच्छा और मन का ना हो तो और भी अच्छा. यह शब्द जैसे उनके जीवन का आधार हो. क्या आप जानते हैं कि यह शब्द किनके हैं जिन्हें अमिताभ बच्चन ने अपने जीवन में उतार लिया है.
नैनीताल के स्कूल में अमिताभ के साथ क्या हुआ था?

अमिताभ बच्चन की मां तेजी बच्चन को नाटकों से बहुत लगाव था. अमिताभ बच्चन जब नैनीताल के अपने स्कूल शेरवुड काॅलेज में शेक्सपियर के नाटक ‘The Tempest’ में प्रिंस फ़रडिनेंड (Prince Ferdinand) का रोल निभा रहे थे, तो उनके माता-पिता दोनों नैनीताल पहुंचे. उन्हें इस बात की बहुत खुशी थी कि उनका बेटा बड़े मंच पर पहली बार परफाॅर्म कर रहा है. लेकिन नाटक से ठीक एक दिन पहले अमिताभ बच्चन को तेज बुखार हो गया, उस वक्त उनकी उम्र 12-13 साल के करीब थी. अमिताभ की तबीयत इतनी खराब थी कि वे नाटक में अपना रोल नहीं निभा पाए. नाटक खत्म हुआ तो अमिताभ बहुत मायूस हो गए, उनके मुरझाए चेहरे को देखकर अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन ने उन्हें समझाया और भावनात्मक रूप से उसके साथी बने. उस वक्त हरिवंश राय बच्चन ने उन्हें समझाते हुए कहा था, बेटा देखो-मन का हो तो अच्छा और मन का ना हो तो और भी अच्छा. इन पंक्तियों के जरिए हरिवंश राय बच्चन ने अपने बेटे को संघर्ष और जीवन की सच्चाइयों को स्वीकारने की सीख दी थी. अमिताभ को उनके पिता ने काफी संजीदगी के साथ जीवन को जीने की सीख दी है, जो उनके जीवन में दिखती भी है.अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन हिंदी के महान कवि और लेखक थे. उनकी आत्मकथा चार खंडों में प्रकाशित है और उनकी आत्मकथा के पहले खंड -क्या भूलूं क्या याद करूं, में इस बात का जिक्र मिलता है.
अमिताभ बच्चन को रामनवमी का मेला देखना क्यों भाता था?
अमिताभ बच्चन का पैतृक निवास उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में है. उनका बचपन वहीं गुजरा था. क्या भूलूं क्या याद करूं में हरिवंश राय बच्चन ने लिखा है कि रामनवमी के मौके पर इलाहाबाद में झांकी और शोभायात्राएं निकलती थीं, उन झांकियों को देखने के लिए अमिताभ बच्चन अपने पिता के कंधे पर बैठकर मेले में जाते थे. पिता के कंधे पर बैठा बालक अमिताभ बहुत खुश होता था और रामनवमी के मेले का आनंद उठाता था. अमिताभ बच्चन के बचपन की यह घटना यह बताती है कि अमिताभ बच्चन का बचपन से ही अपने पिता से गहरा जुड़ाव था, जो आजीवन रहा. आज भी अमिताभ बच्चन अपने बाबूजी को उसी तरह याद करते हैं. वे अक्सर अपने पिता से पूछते थे कि आप कविताएं क्यों लिखते हैं, उनकी कविताओं का अमिताभ बच्चन पर इस कदर प्रभाव है कि वे अकसर अपने पिता की कविताओं का पाठ करते नजर आते हैं और आश्चर्य इस बात का भी है कि उन्हें अपनी पिता की सारी कविताएं याद हैं.
अमिताभ बच्चन को स्कूल जाने से क्यों लगता था डर?

अमिताभ बच्चन के बारे में उनके पिता ने अपनी आत्मकथा में बताया है कि अमिताभ काफी अनुशासित बच्चा थे. वे समय की कद्र करते थे और आजीवन वे इस अनुशासन को बनाए हुए हैं. फिल्म इंडस्ट्री में उनके अनुशासन की बातें हमेशा होती हैं. उनके जीवन से जुड़ा एक प्रसंग काफी रोचक है, जिसमें उनके पहली बार स्कूल जाने की चर्चा है.हरिवंश राय बच्चन लिखते हैं कि स्कूल के पहले दिन अमिताभ बहुत उत्साहित थे, लेकिन उनके अंदर एक डर भी था, जिसे वे समझ रहे थे. स्कूल के पहले दिन अमिताभ घर से निकलते वक्त दरवाजे पर रुक गए और पीछे मुड़कर देखने लगे, हरिवंश राय बच्चन लिखते हैं कि उनकी आंखों में जिज्ञासा थी, लेकिन एक डर भी था. इसकी वजह यह थी कि वे पहली बार घर से बाहर की दुनिया देखने जा रहे थे. उनके पिता ने उनकी भावनाओं को समझा और उन्हें मुस्कुराकर हाथ हिलाकर घर से स्कूल भेजा, ताकि अमिताभ का डर दूर हो जाए और वे पिता के प्यार से सहारा पा सकें.
कुली की शूटिंग पर अमिताभ के घायल होने की सूचना उनके पिता को क्यों नहीं दी गई थी?

अमिताभ बच्चन जब कुली की शूटिंग पर गंभीर रूप से घायल हो गए थे, तो उनके पिता को यह सूचना तुरंत नहीं दी गई थी. उनके परिवार वालों ने जिनमें तेजी बच्चन और जया बच्चन शामिल थी, उन्होंने हरिवंश राय बच्चन को यह सूचना इसलिए नहीं दी थी क्योंकि उन्हें लगा था कि हरिवंश राय बच्चन इस सूचना को बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे. हरिवंश राय बच्चन को यह सूचना अखबार के जरिए मिली थी. इस बात से वे बहुत नाराज हुए थे. अमिताभ बच्चन से उनके पिता का गहरा लगाव था, उन्होंने अपनी आत्मकभा के चौथे खंड ‘दशद्वार से सोपान तक’ में लिखा है कि – जिस पुत्र को बचपन में गोद में लेकर मैं चलता था, आज वही जीवन और मृत्यु के बीच झूल रहा था, और मुझे यह बात छिपाई गई . यह सोचकर मन विदीर्ण हो गया. उन्होंने लिखा है-उस क्षण मैंने भीतर ही भीतर एक संकल्प किया कि यदि ईश्वर मेरे बेटे को जीवन दान दे देता है, तो मैं आजीवन मांस-मछली का सेवन नहीं करूंगा. हरिवंश राय बच्चन ने आजीवन अपने इस संकल्प का पालन किया था. अस्पताल में अमिताभ का संघर्ष, परिवार की व्याकुलता, देशभर में उनके स्वस्थ होने की कामना हर चीज का वर्णन उन्होंने किताब में किया है, जो भावुक करता है.
अमिताभ बच्चन का सरनेम क्या है?
अमिताभ बच्चन का सरनेम श्रीवास्तव है, बच्चन उनका सरनेम नहीं है. उनके पिता हरिवंश राय बच्चन एक कवि और लेखक थी और वे अपने नाम के साथ बच्चन लिखते थे, इसी निकनेम को अमिताभ और उनके परिवार ने सरनेम के जगह पर इस्तेमाल किया है.
अमिताभ को कौन सी एक्ट्रेस अपना क्रश बताती हैं?
अमिताभ बच्चन की सहकलाकार रहीं रेखा उन्हें अपना क्रश बताती हैं और यह कहती हैं कि वो अमिताभ बच्चन को बहुत पसंद करती हैं.
अमिताभ बच्चन का नाम किसने रखा है?
अमिताभ बच्चन का नाम उनके पिता के दोस्त कवि सुमित्रानंदन पंत ने रखा था. अमिताभ का अर्थ होता है अत्यधिक तेज वाला यानी तेजस्वी.
अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान में से अमीर कौन है?
अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान में से ज्यादा अमीर शाहरुख खान हैं. 2025 के आंकड़ों के अनुसार, शाहरुख खान की नेट वर्थ लगभग 7,500 करोड़ रुपए है, जबकि अमिताभ बच्चन की नेट वर्थ लगभग 1,600 करोड़ है. हालांकि 2025 में अमिताभ ने शाहरुख खाने ज्यादा टैक्स भरा है. कुल 120 करोड़ रुपए का टैक्स अमिताभ ने भरा है.
अमिताभ बच्चन की उम्र क्या है?
अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्टूबर 1942 में हुआ था. वे अभी 83 साल के हैं.
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