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Adampur Air Base : आदमपुर एयर बेस चर्चा में है और गूगल पर टाॅप ट्रेंड में भी बना हुआ है. आदमपुर एयर बेस के चर्चा में रहने की बड़ी वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को यहां पहुंचे थे और सेना के जवानों से मिलकर उनका हौसला बढ़ाया था. आदमपुर एयरबेस पंजाब के जालंधर जिले में स्थित है और भारत का बहुत ही अहम एयरबेस है जिसपर देश की सुरक्षा की बड़ी जिम्मेदारी है. आदमपुर एयरबेस से ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बड़ी कार्रवाई हुई और पाकिस्तान को पस्त कर दिया गया.
क्या है आदमपुर एयरबेस की खासियत?
आदमपुर एयरबेस भारत का बहुत ही खास एयरबेस है, क्योंकि यह पाकिस्तान की सीमा से महज 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस एयर बेस में भारत के तमाम डिफेंस सिस्टम तैनात हैं. इस एयरबेस की खासियत के बारे में बताते हुए लेफ्टिनेंट कर्नल जेएस सोढ़ी (रिटायर्ड) ने कहा कि किसी भी देश के लिए उनका एयरबेस बहुत अहम होता है. एयरबेस में किसी भी देश की सेना के लड़ाकू विमान और ट्रांसपोर्ट विमान तैनात होते हैं. हमारा आदमपुर एयरबेस इसलिए बहुत खास है, क्योंकि यहां हमारे ड्रोन, लड़ाकू विमान, एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 सहित कई अन्य जरूरी विमान तैनात हैं. चूंकि आदमपुर एयरबेस पाकिस्तान की सीमा के करीब है, इसलिए भी इस एयरबेस पर जरूरी विमानों की तैनाती रहती है. यह मिग 29 का खास बेस है.
आदमपुर एयरबेस पर थी पाकिस्तान की नजर

भारत ने जब पहलगाम की घटना के बाद ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया, तो पाकिस्तान बौखला गया और उसने अपने क्षेत्र से कई ड्रोन और मिसाइल भारत की ओर चलाए. उस वक्त आदमपुर एयरबेस पर तैनात एस-400 और अन्य एयर डिफेंस सिस्टम ने ही नाकाम किया. पाकिस्तान यह जानता है कि आदमपुर एयरबेस भारत के लिए बहुत ही खास है, इसलिए उसने अपनी मीडिया में यह बात फैलाई कि उसने भारत के आदमपुर एयरबेस को ध्वस्त कर दिया है, भारत के लड़ाकू विमानों को क्षति पहुंचाई है. इस बारे में लेफ्टिनेंट कर्नल जेएस सोढ़ी (रिटायर्ड) बताते हैं कि पाकिस्तान के इस दुष्प्रचार पर तब लगाम लग गई, जब प्रधानमंत्री ने सेना के सी-130 विमान से आदमपुर एयरबेस पर ही लैंडिंग की. जब वे सेना के अधिकारियों और जवानों से बात कर रहे थे, तो हमारा डिफेंस सिस्टम एस-400 भी नजर आ रहा था, इससे साफ जाहिर है कि आदमपुर एयरबेस को बर्बाद करने का पाकिस्तानी दावा बेकार और निरर्थक है.
क्या होता है एयरबेस, क्यों दुश्मन देश की नजर रहती है
एयरबेस यानी वायुसेना का हवाई अड्डा. इस हवाई अड्डे पर वायुसेना के जंगी लड़ाकू विमान और ट्रांसपोर्ट के विमान तैनात रहते हैं. आमतौर पर वायुसेना के अधिकारी इन विमानों के जरिए अपने ट्रेनिंग करते हैं और युद्ध की तैयारी में जुटे रहते हैं, लेकिन जब युद्ध की घोषणा होती है, तो यह एयरबेस वायुसेना के लिए बहुत खास हो जाता है. लेफ्टिनेंट कर्नल जेएस सोढ़ी (रिटायर्ड) बताते हैं कि युद्ध के वक्त किसी भी एयरबेस पर दुश्मन की नजर रहती है, वह यह कोशिश करता है कि एयरबेस को बर्बाद कर दिया जाए,ताकि विरोधी देश का नुकसान हो. किसी भी देश के पास संसाधन सीमित होते हैं, चाहे वो एयर डिफेंस सिस्टम हो या लड़ाकू विमान, उनकी संख्या सीमित होती है. अगर युद्ध के दौरान उस ताकत को खत्म कर दिया जाए, तो दुश्मन देश कमजोर पड़ जाएगा, इसी वजह से एयरबेस का महत्व बहुत ज्यादा है और कोई भी देश युद्ध के दौरान दुश्मन के एयरबेस पर पैनी नजर रखता है.
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