11.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बिहार पुलिस की गश्ती में अब नहीं चलेगी सुस्ती, 95 फीसदी वाहनों में लगा जीपीएस, जानें फायदे

पुलिस गश्ती और घटनास्थल पर पुलिस अफसर के पहुंचने की मॉनिटरिंग अब पुख्ता रहेगी. दरअसल, राज्य के पुलिस वाहनों में जीपीएस लगाने का काम 95 फीसदी पूरा हो चुका है. पुलिस की तमाम गतिविधियों का ब्योरा अभी राज्य के सभी थानों, जिला पुलिस कार्यालयों से पुलिस मुख्यालय तक पुख्ता हो रहा है.

पुलिस गश्ती और घटनास्थल पर पुलिस अफसर के पहुंचने की मॉनिटरिंग अब पुख्ता रहेगी. दरअसल, राज्य के पुलिस वाहनों में जीपीएस लगाने का काम 95 फीसदी पूरा हो चुका है. पुलिस की तमाम गतिविधियों का ब्योरा अभी राज्य के सभी थानों, जिला पुलिस कार्यालयों से पुलिस मुख्यालय तक पुख्ता हो रहा है.

वाहनों में जीपीएस लगाये गये

रात में गश्ती के दौरान पुलिस वाहन कहां थे, उनकी ड्यूटी कहां लगी थी, पुलिस अधिकारी उस घटना स्थल पर कितनी देर में पहुंचे, इस सब का ब्योरा अभी राज्य के सभी थानों, जिला पुलिस कार्यालयों से पुलिस मुख्यालय तक पुख्ता हो रहा है. गृह विभाग की समीक्षा में बताया गया है कि राज्य के 2659 वाहनों में से 2540 वाहनों में जीपीएस लगाये जा चुके हैं.

सभी जिलों में बनाये गये हैं मॉनिटरिंग सेल :

दरअसल, जीपीएस सिस्टम वाहनों में लगाने के साथ सभी जिले में जीपीएस मॉनिटरिंग सेल बनाये गये हैं. इसके तहत सभी वाहनों की मॉनिटरिंग की जाती है. पुलिस थानों से जैसे ही गश्ती या अन्य कामों का सिड्यूल भेजा जाता है, उस सिड्यूल को जिला मॉनिटरिंग सेल में भेज दिया जाता है. इसके बाद सेल की ओर से उस वाहन की निगरानी की जाती है. अगर बगैर गश्ती के ही कोई गश्ती की लगत रिपोर्ट बनाता है तो उसकी रिपोर्ट वरीय अधिकारी को भेज दी जाती है. इस तरह से जीपीएस पूरे सिस्टम को पुख्ता बनाता है.

Also Read: बिहार में कैश बटोरने में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे भ्रष्ट अफसर, निगरानी की छापेमारी में इस साल 16 करोड़ जब्त
तत्काल रिस्पांस करने में काम आता है सिस्टम

जीपीएस सिस्टम के तहत एक खास फायदा यह होता है कि जैसे ही कोई घटना को लेकर जिला कंट्रोल रूम में फोन आता है तो जीपीएस सिस्टम पर उस लोकेशन के नजदीक किसी पुलिस वाहन के लोकेशन को सर्च किया जाता है. इसके बाद कंट्रोल रूम से सबसे नजदीकी वाहन को उस घटना स्थल पर तत्काल पहुंच कर कंट्रोल करने को कहा जाता है. इसके बाद उस क्षेत्र के थाना अफसर वहां पहुंचते हैं.

अब ड्रोन से की जायेगी बालू घाटों की निगरानी

राज्य में एक अक्तूबर से नदी घाटों से फिर से खनन शुरू हो जायेगा. फिलहाल एनजीटी के निर्देशों के अनुसार एक जुलाई से 30 सितंबर तक इस पर रोक है. इस बार खनन शुरू होने के साथ ही अवैध खनन, बालू की अवैध बिक्री और ढुलायी पर नियंत्रण के लिए सख्ती बढ़ाने की तैयारी की जा रही है.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel