28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

लेटेस्ट वीडियो

समुद्री ताकत को नयी दिशा

वर्ष 2015 में केरल की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस परियोजना के लिए जब अडाणी ग्रुप के साथ करार किया था, तब विपक्षी माकपा ने इसे 6,000 करोड़ रुपये का घोटाला कहा था. लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने इस परियोजना में भारी मदद की और राज्य की वाम मोर्चा सरकार के समय इसका उद्घाटन हुआ.

Audio Book

ऑडियो सुनें

धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में केरल के विझिनजाम में इंटरनेशनल डीपवाटर मल्टीपर्पज सी-पोर्ट का उद्घाटन किया, जो बढ़ती नौवहन क्षमता के साथ-साथ ट्रांशिपमेंट के क्षेत्र में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता का भी गौरवशाली उदाहरण है. लगभग 20 मीटर की प्राकृतिक गहराई वाले इस पोर्ट में बड़े मालवाही जहाज रुक सकेंगे. देश के छोटे बंदरगाहों में यह सुविधा नहीं है. जबकि अगले तीन साल में इस बंदरगाह की क्षमता तीन गुना हो जायेगी. आज हमारे ज्यादातर मालवाही जहाज कोलंबो और सिंगापुर में रुकते हैं. अभी तक भारत के ट्रांशिपमेंट ऑपरेशन का 75 फीसदी विदेशी बंदरगाहों पर होता रहा है, जिससे देश को भारी खर्च करना पड़ता था. लेकिन इस परियोजना के पूरी हो जाने के बाद वैश्विक ट्रांशिपमेंट हब्स पर भारत की निर्भरता कम हो जायेगी. इससे न केवल भारी धनराशि की बचत होगी, बल्कि केरल के लिए संभावनाओं के नये अवसर भी खुलेंगे. प्राकृतिक गहराई के अलावा विश्व के व्यस्ततम समुद्री व्यापारिक रूटों से नजदीकी के कारण भी विझिनजाम पोर्ट का महत्व है. प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सागरमाला परियोजना के तहत राज्य सरकारों के सहयोग से बंदरगाहों की ढांचागत सुविधाओं का विस्तार किया गया है और भारत के समुद्रतटीय राज्य व बंदरगाह शहर विकसित भारत के मुख्य केंद्र बनेंगे.

कुल 8,800 करोड़ की इस परियोजना पर वर्षों से काम चल रहा था, जिसके निर्माण में अडाणी पोर्ट्स का योगदान रहा, जिसके पास इस टर्मिनल के संचालन की जिम्मेदारी है. गौरतलब है कि केरल की यह परियोजना सिर्फ सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भागीदारी के कारण नहीं, बल्कि सभी राजनीतिक पार्टियों की सहभागिता के कारण भी महत्वपूर्ण है. वर्ष 2015 में केरल की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस परियोजना के लिए जब अडाणी ग्रुप के साथ करार किया था, तब विपक्षी माकपा ने इसे 6,000 करोड़ रुपये का घोटाला कहा था. लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने इस परियोजना में भारी मदद की और राज्य की वाम मोर्चा सरकार के समय इसका उद्घाटन हुआ. उद्घाटन के दौरान राज्य के बंदरगाह मंत्री ने अडाणी को ‘हमारा साझेदार’ बताया. इस बंदरगाह का निर्माण ऐसे समय हुआ है, जब केरल की अर्थव्यवस्था पर बढ़ते कर्ज का दबाव है और राज्य सरकार केंद्र से मदद मांग रही है. प्रधानमंत्री ने ठीक ही यह रेखांकित किया कि जो केरल एक समय भारत में समुद्री व्यापार का मुख्य केंद्र था, उसी केरल से देश की नौवहन क्षमता की फिर से शुरुआत हो रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel