Economic Growth Rate : वैश्विक उथल-पुथल के बीच मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक विकास दर का 7.8 फीसदी होना भारत के लिए बड़ी आर्थिक उपलब्धि है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने ये आंकड़े जारी करते हुए भारत को दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था बताया है. यह पिछली पांच तिमाहियों में सबसे अधिक वृद्धि दर है, जो मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस सेक्टर और कृषि क्षेत्र के शानदार प्रदर्शन से संभव हुई है. इससे पहले इससे अधिक वृद्धि दर जनवरी-मार्च, 2024 में 8.4 फीसदी थी, जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की विकास दर 6.5 प्रतिशत रही थी.
वैश्विक उथल-पुथल और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था को मृत बताये जाने के बीच यह वृद्धि दर न सिर्फ बहुत महत्वपूर्ण है, बल्कि इसने रिजर्व बैंक समेत तमाम वित्तीय एजेंसियों के पूर्वानुमानों को भी पीछे छोड़ दिया है. गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में मौजूदा वित्त वर्ष में 6.5 फीसदी की वृद्धि दर का अनुमान लगाया है. पहली तिमाही के लिए केंद्रीय बैंक का अनुमान भी 6.5 प्रतिशत था. बेशक जीडीपी की यह वृद्धि दर ट्रंप टैरिफ के असर से पहले की आर्थिक मजबूती के बारे में बताती है, पर 7.8 फीसदी की दर का प्रभाव लंबे समय तक रहेगा और इससे ऊंचे टैरिफ के नुकसान से बचने में मदद मिलेगी.
निर्यात के साथ-साथ सरकारी खपत और सरकारी खर्च में बढ़ोतरी से वृद्धि दर को रफ्तार मिली है. लोगों ने खरीदारी पर खर्च बढ़ाया है, जिससे निजी खपत में सात प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी. इस तिमाही में निजी खपत का हिस्सा जीडीपी में पिछले 15 साल में सबसे अधिक रहा. इस दौरान सरकारी खपत की वृद्धि दर 7.4 फीसदी और कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3.7 फीसदी रही, तो सेवा क्षेत्र में 9.3 प्रतिशत की तेज वृद्धि देखी गयी. केंद्र सरकार का पूंजीगत खर्च भी पहली तिमाही में 30 प्रतिशत बढ़ा.
रिपोर्ट के मुताबिक, शहरी मांग बढ़ रही है, एफएमसीजी बिक्री और यूपीआइ लेनदेन तेज है तथा ग्रामीण मांग भी मजबूत है. बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज विकास दर भारत की ही है. अप्रैल-जून में भारत की 7.8 फीसदी की तुलना में अमेरिका की आर्थिक विकास दर 3.3 प्रतिशत, चीन की 5.2 फीसदी, ब्रिटेन की 1.2 प्रतिशत तथा जापान की 1.0 फीसदी रही. भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन के मुताबिक, अप्रैल-जून में 7.8 फीसदी की वृद्धि दर दिखाती है कि देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार और स्थिरता, दोनों मजबूत हो रही है.

