9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन

भारत धर्म प्रधान देश है जहां ‘कैश’ हमारी भावना और आस्था का अभिन्न अंग है. आस्था के मूल में अपार धन, अनंत सुख, अखंड सौभाग्य प्राप्ति का संकल्प होता है. कुछ साल पहले हमारे बैंक खातों में लक्ष्मी आने की उम्मीद जगी थी. क्या पता था कि ढाई साल बाद 15 लाख न मिले, जो […]

भारत धर्म प्रधान देश है जहां ‘कैश’ हमारी भावना और आस्था का अभिन्न अंग है. आस्था के मूल में अपार धन, अनंत सुख, अखंड सौभाग्य प्राप्ति का संकल्प होता है. कुछ साल पहले हमारे बैंक खातों में लक्ष्मी आने की उम्मीद जगी थी. क्या पता था कि ढाई साल बाद 15 लाख न मिले, जो है वह भी चला जायेगा. बटुआ खोलकर भिखारी को दो रुपये देना, नोटों के बीच से 50 रुपये का टिप्स देना, मंदिराें में 101 रुपये देकर आिशष लेना कितनी तसल्ली देता था. क्या खराबी थी उन गुजरे दिनों में. पता नहीं कालाधन खत्म होने से हमें क्या मिल जायेगा. मगर हमारे जैसे आशावादी लोग यह सोचते हैं कि जो हो रहा है अच्छा है.

‘थोड़ी’ तकलीफों के बीच पहले हमने नोट बदलने का उत्सव मनाया फिर नये नोटों की खुशी. मगर पता न था कि जल्द ही हमें ‘कैशलेस’ बना दिया जायेगा. यह हमारी आस्था पर आघात तो नहीं? इससे पहले कि संकल्पों से विश्वास उठ जाये कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन.

एमके मिश्रा, रातू, रांची

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें