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स्थानीय नीति पर राजनीति
आजकल झारखंड में स्थानीय नीति को लेकर मुद्दा गरम है़ इस मुद्दे पर विरोध जायज नहीं है, क्योंकि पक्ष-विपक्ष के नेताओं की सलाह से ही स्थानीय नीति लागू की गयी है़ जो नेतागण बाहरी-बिहारी का विरोध कर रहे हैं, वे खुद भी बाहरी-बिहारी लोगों की सेवा ले रहे हैं. ये लोग जिसको बाहरी या बिहारी […]
आजकल झारखंड में स्थानीय नीति को लेकर मुद्दा गरम है़ इस मुद्दे पर विरोध जायज नहीं है, क्योंकि पक्ष-विपक्ष के नेताओं की सलाह से ही स्थानीय नीति लागू की गयी है़ जो नेतागण बाहरी-बिहारी का विरोध कर रहे हैं, वे खुद भी बाहरी-बिहारी लोगों की सेवा ले रहे हैं. ये लोग जिसको बाहरी या बिहारी कह रहे हैं, उनका भी झारखंड के विकास में अथक योगदान है.
राज्य के आधा दर्जन मंत्री बाहरी, पुलिस में डीजीपी से लेकर 95% आइपीएस बाहरी-बिहारी, गृह सचिव से लेकर जिलाधिकारी बाहरी, राज्य के नेताओं-मंत्रियों के सलाहकार बाहरी़ अगर नेतागण को स्थानीय नीति पर कोई त्रुटि नजर आती है, तो राजनीति से ऊपर उठ कर विरोध करें. मुद्दे को तूल देने से जनता को समझ में नहीं आ रहा है कि क्या सही है और क्या गलत़
सुमित कुमार बड़ाईक, ई-मेल से
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