गरीबी व बेरोजगारी के कारण राज्य के कई युवक गुमराह हो रहे हैं. इसका जिम्मेदार कौन है? ऐसे न जाने कितने युवक-युवतियां हैं, जिन्हें नक्सली बनने से रोका जा सकता है. ये कौन हैं? ये हमारे बीच के ही हैं. हमारे देश व राज्य के पुलिसकर्मी बेगुनाह होते हुए भी इन उग्रवादी-नक्सलियों का शिकार हो जाते हैं या फिर इनकी गोली से गुमराह हुए युवक जान गंवा बैठते हैं.
एक ही राज्य के दोनों भाई पुलिस व उग्रवादी बन कर एक-दूसरे के दुश्मन बने बैठे हैं. पिछले साल जुलाई में कोबरा बटालियन द्वारा मार गिराया गया लोहरदगा जिले के बासरटोली गांव निवासी सिल्वेस्टर उर्फ शिवनंदन भगत उर्फ दीनबंधु स्नातक था. पर वह नक्सली बन गया था. ऐसे ही अन्य युवा भी हैं. सरकार अगर गांव के युवकों को रोजगार उपलब्ध कराये, तो उन्हें गुमराह होने से बचाया जा सकता है.
– ममता कुमारी, गुमला