।। राजीव चौबे।।
( प्रभात खबर, रांची)
कहते हैं कि डायन भी सात या ढाई घर छोड़ कर वार करती है, लेकिन गलाकाट प्रतिस्पर्धा के बीच आज लोग सात और ढाई तो क्या, सवा-पौना घर भी न छोड़ें! यह समय का ही फेर है कि देश की बड़ी-बड़ी राजनीतिक पार्टियों और उनके नेताओं की बखिया उधेड़ कर तहलका मचानेवाले तरुण तेजपाल आजकल खुद जीवन के झंझावातों का सामना कर रहे हैं.
भारतीय मीडिया जगत में संभवत: पहली बार, स्टिंग ऑपरेशन के जरिये गणमान्यों की असली हकीकत जगजाहिर करने का फंडा शुरू करनेवाले तेजपाल आज खुद अपना मुंह छिपाते फिर रहे हैं. लगभग दस साल पहले उनकी खोजी पत्रकारिता, पत्रकारों की नयी पौध के लिए मिसाल हुआ करती थी. स्टिंग ऑपरेशन के प्रणोता तेजपाल ने टेलीविजन न्यूज चैनलों को वह नयी सामग्री दे दी, जो आगे चल कर उनके लिए टीआरपी बूस्टर का काम करने लगी. यह बात और है कि बाद में इस स्टिंग में भी मिलावट ने अपने पांव जमाने शुरू कर दिये.
अपनी कर्मचारी के साथ यौन शोषण के आरोपों में आज तरुण तेजपाल की चहुंओर थू-थू हो रही है. बेचारे का दिल कितना दुखा होगा, जब देखा होगा कि मीडियावाले भी उसके सगे साबित नहीं हुए. अपनी बिरादरी से ऐसी गद्दारी की उम्मीद तो तेजपाल को सपने में भी नहीं रही होगी. लेकिन, हाय रे जमाना! आज जब बेटा अपने बाप का सगा साबित नहीं हो रहा, तो तेजपाल को कौन पूछे? तेजपाल की बेटी ने भी उनके इस घृणित कार्य से क्षुब्ध होकर यौन शोषण की पीड़िता का ही साथ दिया है. मीडिया में होने के नाते टीवी पर खबरें ही ज्यादा देखता हूं.
कम से कम यहां कुछ नयापन तो होता है, और कुछ नहीं तो दुनिया-जहान की खबरों और नेताओं के बयानों को ही अलग तरह से पेश किया जाता है. हर चैनल पर तेजपाल ही छाये हुए हैं, और यह पहली बार है जब वह अपनी (जी हां, अपनी) कारस्तानियों की वजह से सुर्खियां बटोर रहे हैं. इससे पहले तो वे दूसरों की ही कारगुजारियों को खुफिया कैमरे में कैद करके लोगों के सामने लाते रहे हैं. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जाने-पहचाने से लेकर अनजाने चेहरे तक, तेजपाल के इतिहास और भूगोल पर लंबे-लंबे बाइट देकर अपना हाथ साफ कर लेना चाहते हैं.
वैसे, इस पर कभी और बात करेंगे कि ऐसे लोगों के फंसने के बाद ही उनके पिछले कारनामों के गड़े मुर्दे क्यों उखाड़े जाते हैं! पिछले छह महीनों से हर रोज की तरह आज उनके पास राहुल गांधी, नरेंद्र मोदी, दिग्विजय सिंह, अरविंद केजरीवाल के बयानों का पोस्टमॉर्टम करने का शायद समय नहीं है. आज तो तेजपाल ही हॉट केक बने हुए हैं. हर मीडिया हाउस तेजपाल के नये-पुराने कारनामों, उनकी संपत्ति, तहलका में उनके शेयर और बड़े नेताओं से उनकी सांठ-गांठ का कच्च चिट्ठा निकाल लाने की होड़ में लगा हुआ है. कुछ को तो यह भी फिक्र नहीं कि उनके आंगन में कम गंदगी नहीं है.