Advertisement
अभियान के पहले समझाना जरूरी
यह सर्वविदित है कि दौड़ में सभी हिस्सा लेते हैं. मगर पुरस्कार कोई एक ही जीत पाता है. आज हम सभी एक ऐसी दौड़ में शामिल हैं, जिसमें मंजिल तय नहीं है. ऐसी ही एक दौड़ स्वच्छता अभियान है, जिसका कोई लक्ष्य तय नहीं है. हालांकि, लोगों में जागरूकता पैदा की जा रही है. लेकिन […]
यह सर्वविदित है कि दौड़ में सभी हिस्सा लेते हैं. मगर पुरस्कार कोई एक ही जीत पाता है. आज हम सभी एक ऐसी दौड़ में शामिल हैं, जिसमें मंजिल तय नहीं है. ऐसी ही एक दौड़ स्वच्छता अभियान है, जिसका कोई लक्ष्य तय नहीं है.
हालांकि, लोगों में जागरूकता पैदा की जा रही है. लेकिन ऐसी जागरूकता का क्या फायदा, जिसे कोई समझ ही न रहा हो या फिर जो सिर्फ नुमाइश बन गया हो? इस अभियान के एक विज्ञापन में यह दर्शाया गया है कि स्कूल की एक शिक्षिका बच्चों को तो स्वच्छता अभियान पर लेख लिखने को देती हैं, लेकिन बच्चे उनका आदेश पाकर स्कूल की सफाई में जुट जाते हैं.
कहने का अर्थ यह कि वैसी जागरूकता का क्या फायदा, िजसे न तो कोई समझ रहा है न ही समझने की कोशिश कर रहा है? इसके लिए हमें व्यापक स्तर पर दिखावा करने के बजाय छोटे स्तर पर लोगों को समझाने का प्रयास करना होगा. तभी स्वच्छता अभियान अपनी मंजिल तक पहुंचेगा.
डोली लकड़ा, रांची
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement