देश की व्यवस्था के खिलाफ हथियारबंद आंदोलन की राह पर चलनेवाले नक्सली शायद अपने ही कुकृत्यों पर लज्जित होते होंगे. मामला संगठन से जुड़े ऐसे नक्सलियों से जुड़ा है, जो महिला साथियों या फिर ग्रामीण अबलाओं के द्वारा यौन शोषण करने का आरोप लगाया जाता है.
माना जाता है कि इस तरह के आरोप लगना संभवत: किसी भी नक्सली संगठन के उसूलों के खिलाफ है. ऐसी हरकत को सर्वहारा वर्ग की बात करने वालों के विपरीत आचरण कहा जाये, तो अनुचित नहीं होगा. गत दिनों प्रभात खबर ने नक्सलियों से जुड़े एक शर्मनाक वाकये का खुलासा किया, जो बेहद निंदनीय है.
इसकी जितनी भी निंदा की जाये, वह कम है. किसी नि:शक्त महिला के साथ इस तरह का कृत्य करना मानवता के अनुरूप नहीं है. इस तरह की घटनाओं का उजागर होना नक्सली संगठनों के लिए शुभ संकेत नहीं है.
– बैजनाथ महतो, बोकारो