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अन्नदाताओं की भी सुधरे स्थिति
भारत कृषि प्रधान देश है. इस बात को सिर्फ इस देश के लोग ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के लोग जानते हैं, लेकिन आज भारत में ही किसानों की स्थिति दयनीय बनी हुई है. आज माली हालत बिगड़ने की वजह से देश का अन्नदाता खून के आंसू रोने के लिए मजबूर है. राजनीतिक पार्टियां उसके […]
भारत कृषि प्रधान देश है. इस बात को सिर्फ इस देश के लोग ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के लोग जानते हैं, लेकिन आज भारत में ही किसानों की स्थिति दयनीय बनी हुई है. आज माली हालत बिगड़ने की वजह से देश का अन्नदाता खून के आंसू रोने के लिए मजबूर है.
राजनीतिक पार्टियां उसके नाम पर लोगों का वोट बटोर कर सत्ता पर काबिज हो जाती हैं, लेकिन सत्ताधारी बनते ही लोग किसानों को बिसार देते हैं. आज किसानों की स्थिति यह है कि वे पैसों के अभाव में बीमारी का इलाज कराने तक की भी हैसियत नहीं रखते. दवा-दारू के लिए भी उन्हें महाजनों की बाट जोहनी पड़ती है. खेती में लागत अधिक, मुनाफा कम होने से आर्थिक स्थिति कमजोर बनी हुई है. सरकारों को चाहिए कि वह किसानों की दयनीय स्थिति में सुधार लाने की दिशा में सार्थक पहल करे.
विजय कुमार, पाकुड़
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