अब अंतिम फैसला पार्टी आला कमान पर छोड़ दिया गया है. पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार एक गुट का मानना है कि जिस तरह से अफ्रीकी देशों में इबोला ने कहर बरपाया है, उससे उसे कांग्रेस की हार के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. भारत में भी मीडिया के कारण इबोला काफी पॉपुलर हो चुका है. ऐसे में आम लोग भी इसे आसानी से स्वीकार कर लेंगे. हालांकि दूसरे गुट के एक नेता की दलील थी- हुदहुद भारत से कनेक्ट करता है.
इसलिए कांग्रेस की हार के लिए हमें हुदहुद को ही जिम्मेदार ठहराना चाहिए. खबर यह भी आ रही है कि लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र एवं हरियाणा विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस की जबरदस्त हार के बाद यूनेस्को ने इसे वल्र्ड हैरिटेज पार्टी घोषित करने का मन बना रही है. ऐसा करीब 125 साल पुरानी पार्टी को पूरी तरह खत्म होने से बचाने के मकसद से किया गया है. इसके साथ ही पार्टी के दिल्ली स्थित मुख्यालय को वल्र्ड हेरिटेज साइट का दरजा दे दिया जायेगा.
यूनेस्को के इस कदम का कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यह कहते हुए स्वागत किया है कि इससे उन असामाजिक तत्वों को गहरा झटका लगेगा जो पिछले कुछ अरसे से ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ कह कर इसे खत्म करने की कसमें खा रहे थे. इस उपलब्धि से उत्साहित कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी के क्लीन इंडिया कैम्पेन को फेल करार दिया है. कांग्रेस के प्रवक्ता ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि हमारी पार्टी भले ही सत्ता से बाहर हो गयी है, लेकिन वे हमें पूरी तरह से ‘साफ’ नहीं कर पाये. इसका ‘श्रेय’ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जाता है. ऐसे में नरेंद्र मोदी को मान लेना चाहिए कि वे एक असफल नेता हैं.
पार्टी के विश्वस्त सूत्रों ने यह भी बताया है कि झारखंड और जम्मू-कश्मीर के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस अपना मेकओवर करने जा रही है. इसके लिए टीवी रियलिटी शो ‘बिग बॉस सीजन-8’ में राहुल गांधी की वाइल्ड कार्ड एंट्री करवाई जाएगी. यह निर्णय पार्टी की हार के कारणों व उसमें आमूल-चूल बदलावों पर सुझाव देने के वास्ते गठित एक समिति की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है.
समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि अगर झारखंड व जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले ‘कॉमेडी नाइट्स विद कपिल’ में राहुलजी को भेज दिया जाता है तो लोगों की यह शिकायत दूर हो जायेगी कि राहुलजी कहीं नजर ही नहीं आते. समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि बचे-खुचे कांग्रेस शासित राज्यों में अब सिंगल विंडो ही नहीं, सिंगल टेबल सिस्टम भी लागू कर दिया जाए. बार-बार अलग-अलग टेबलों के नीचे हाथ बढ़ाने से अनावश्यक टाइम बरबाद होता है. अब एक ही टेबल के नीचे से सारा काम हो जायेगा. (बुरा न मानो व्यंग्य है..)