13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

2024 में बुलेट ट्रेन की एक यात्रा

सत्य प्रकाश चौधरी प्रभात खबर, रांची मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन. ऐसी चकाचक कि मुझ जैसा टुटपुंजिया पत्रकार पैर धरते डरे. 20 हजार रुपये का टिकट है! वो तो भला हो ‘मालपाणी जी’ की कंपनी का, जिसने अपनी ट्रेन दिखाने के लिए हम पत्रकारों को फोकट में सवारी का मौका दिया है. चलो, इसी बहाने गदहजनम कटा. […]

सत्य प्रकाश चौधरी
प्रभात खबर, रांची
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन. ऐसी चकाचक कि मुझ जैसा टुटपुंजिया पत्रकार पैर धरते डरे. 20 हजार रुपये का टिकट है! वो तो भला हो ‘मालपाणी जी’ की कंपनी का, जिसने अपनी ट्रेन दिखाने के लिए हम पत्रकारों को फोकट में सवारी का मौका दिया है. चलो, इसी बहाने गदहजनम कटा. मेरे बगल की सीटों पर एक लड़का-लड़की बैठे थे. ‘कॉरपोरेट कैजुअल’ धज में.
उन्होंने एक उचटती हुई नजर मुझ पर डाली, जिसमें छिपा संदेश बहुत साफ था- ये यहां कहां से घुस आया? लड़की ने लड़के से फुसफुसाते हुए कहा, ‘‘इन लो-क्लास लोगों के चलते पहले मैंने स्लीपर में चलना छोड़ा. फिर एसी में भी ये लोग चलने लगे, तो मैंने प्लेन से चलना शुरू कर दिया. उम्मीद थी कि बुलेट ट्रेन में सब ‘अपमार्केट’ लोग होंगे, पर यहां भी बगल में एक फटीचर बंदा आकर बैठ गया.’’ लड़के ने बातचीत दूसरी तरफ मोड़नी चाही और कहा, ‘‘जाने दो यार.’’ लड़की को हैरानी हुई, ‘‘क्या जाने दूं! पता नहीं किस घटिया ब्रांड का ‘डियो’ लगा रखा है, नाक फटी जा रही है.’’ लड़के को लगा कि लड़की उसके ‘टेस्ट’ और ‘क्लास’ पर सवालिया निशान लगा रही है.
उसने लड़की को मुतास्सिर करने की कोशिश में कहा, ‘‘ये ज्यादती है यार! इस बेचारे को क्या मालूम ‘डियो-सियो’ के बारे में. किसी मॉल में 500 रुपये के सामान के साथ मुफ्त मिल गया होगा, सो लगा लिया है. अब तुम्हारी तरह शनेल का परफ्यूम कहां से लगायेगा?’’ लड़की को अच्छा लगा कि लड़के ने उसके 8500 रुपये के परफ्यूम को ठीक-ठीक पहचान लिया और शनेल (उँंल्ली’) को चैनेल नहीं कहा. इतनी देर में वह पहली बार मुस्करायी. लड़के के क्लास और टेस्ट को लेकर उसके सारे शुब्हे दूर हो चुके थे. दूसरे लफ्जों में कहें तो लड़का उसे इम्प्रेस करने में कामयाब रहा था.
और तभी, अचानक दोनों को एहसास हुआ कि उन्होंने मुझ जैसे नाचीज पर काफी वक्त जाया कर दिया है. इसके बाद दोनों ‘पॉवर टॉक ’ में मुब्तला हो गये (कॉरपोरेट जगत में ‘पॉवर’ की इतनी महिमा है कि वे दोपहर में ऊंघने को भी ‘पॉवर नैप’ कहते हैं). ‘इन्क्यूबेटर फर्म’, ‘इंटरप्राइज’, ‘वेंचर कैपिटल’, ‘इन्नोवेशन’ जैसे शब्द मेरे कानों पर हमला करने लगे.
करीब आधे घंटे के पॉवर टॉक के बाद उन्होंने महसूस किया किया कि उनके सपने एक-से हैं. इस एहसास ने उन्हें थोड़ा और करीब ला दिया. अब वे एक दूसरे के घर-परिवार, पसंद-नापसंद, शौक वगैरह के बारे में बातें करने लगे. ढाई घंटे हो चुके थे. अहमदाबाद आने वाला था. दोनों एक दूसरे का मोबाइल नंबर लेने लगे. मोबाइल में नंबर फीड करते हुए उन्हें नाम पूछने का ख्याल आया. लड़की बोली- श्रुति. लड़के ने कहा- फिरोज. दोनों के मुंह से एकसाथ निकला- ‘‘सॉरी.’’ अब नंबर सेव करने की जरूरत नहीं रह गयी थी. 10 साल पहले, 2014 में ‘लव जेहाद’ को लेकर मचा शोर मेरे कानों में गूंजने लगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें