एक जानकारी के मुताबिक पलक झपकने से तीन गुना तेज याद आती है. रटंत क्रिया से भी याददाश्त मजबूत होती है. चिंतनीय प्रश्न यह उठता है कि क्या इंसान के मरने के बाद भी स्मृतियां रह जाती हैं? पुनर्जन्म के उदाहरण में तो स्मृतियां ही पहचान का आधार बनती हैं.
पढ़ने-सुनने में आता है कि कई लोगों को पिछले जन्म की घटनाएं याद हैं. छोटी उम्र में पुनर्जन्म की बातें ज्यादा याद रहती हैं. हमारे प्राचीन ग्रंथों में, पुराणों में अमरता प्राप्त करने के अनेक उदाहरण भी पढ़ने को मिलते हैं. मस्तिष्क की क्रियाओं और प्रतिक्रियाओं के गूढ़ रहस्य को सुलझाने में और भी शोध की आवश्यकता है. ताकि पुनर्जन्म से स्मृति कैसे अमर बनी रहती, इसका पता चल सके और हम उसका उपयोग कर सकें.
संजय वर्मा (दृष्टि), धार, मध्य प्रदेश