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प्याज की बढ़ी कीमत पर नियंत्रण के लिए बने नीति
भारत में प्याज का उत्पादन ठीक-ठाक होता है़ इसके बावजूद आजकल प्याज की कीमत काफी बढ़ी हुई है़ इन दिनों सामान्य तौर पर प्याज की कीमत 20 रुपये किलो ही रहती थी, लेकिन यह 60 के पार चली गयी है. पिछले कुछ साल से प्याज की कीमत में असमान तरीके से वृद्ध होने का रिकॉर्ड […]
भारत में प्याज का उत्पादन ठीक-ठाक होता है़ इसके बावजूद आजकल प्याज की कीमत काफी बढ़ी हुई है़ इन दिनों सामान्य तौर पर प्याज की कीमत 20 रुपये किलो ही रहती थी, लेकिन यह 60 के पार चली गयी है.
पिछले कुछ साल से प्याज की कीमत में असमान तरीके से वृद्ध होने का रिकॉर्ड है. इसलिए केंद्र व राज्य सरकारों को इस पर गंभीरता से विचार करते हुए नीति बनानी चाहिए. इससे आम लोगों की परेशानी कम हो सके. आंकड़े बताते हैं कि 2012 से 2018 के बीच प्याज का उत्पादन 20000 टन हुआ. प्याज का उत्पादन सबसे अधिक उत्पादक महाराष्ट्र में होता है, जो कुल उत्पादन का 30 फीसदी है.
मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, बड़े मात्रा में प्याज उत्पादित करते हैं. सरकार की ओर से प्याज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) आठ से 12 रुपये प्रति किलो तक निर्धारित किया गया है. कालाबाजारी के लिए किये जा रहे बफर भंडारण पर भी सरकार का मजबूत नियंत्रण नहीं है. इसलिए कीमत बढ़ जाती है.
आदित्य मिश्रा, मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)
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