बिहार के नियोजित शिक्षक समान काम के लिए समान वेतन की मांग को लेकर लगातार कई वर्षों से आंदोलनरत हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उनको निराशा हाथ लगी थी, लेकिन सभी शिक्षक वेतन संबंधी अन्य मांगों को लेकर बिहार सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं, किंतु सरकार इसे नजरअंदाज कर रही है.
जब-जब शिक्षक अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करते रहे हैं, तो उन्हें पुलिस की लाठियों का सामना करना पड़ा है. लगभग 12 साल बीत गये किंतु आज तक शिक्षकों के भविष्य के बारे में सरकार कुछ भी नहीं सोच सकी है. ऐसे में शिक्षकों के बच्चों का भविष्य कैसे संवरेगा. शिक्षकों को सेवा शर्त, प्रोमोशन, पीएफ व पेंशन आदि की कोई व्यवस्था नहीं है. इस स्थिति में शिक्षक छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे दे पायेंगे.
डॉ अखिलेश कुमार, गौरक्षणी, सासाराम, (रोहतास)