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रेलयात्रियों की सुख-सुविधा में लगातार बेहतरी के बावजूद खाने के स्तर को लेकर अक्सर शिकायतें आती रहती हैं. इसमें सुधार के लिए सरकार की ओर से अनेक कदम उठाये जा रहे हैं. खान-पान सेवा को बेहतर करने तथा यात्रियों के लिए स्वच्छ और स्वास्थ्यकर खाना सुनिश्चित करने के लिए नयी नीति फरवरी, 2017 से लागू […]

रेलयात्रियों की सुख-सुविधा में लगातार बेहतरी के बावजूद खाने के स्तर को लेकर अक्सर शिकायतें आती रहती हैं. इसमें सुधार के लिए सरकार की ओर से अनेक कदम उठाये जा रहे हैं.
खान-पान सेवा को बेहतर करने तथा यात्रियों के लिए स्वच्छ और स्वास्थ्यकर खाना सुनिश्चित करने के लिए नयी नीति फरवरी, 2017 से लागू है. लोकसभा में इस मसले से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने जानकारी दी है कि दो सालों में रेलवे के खान-पान और पर्यटन निगम ने 46 रसोई इकाइयों में सुधार किया.
इसके अलावा 38 बुनियादी रसोई में कैमरे लगाये गये हैं, ताकि भोजन तैयार करने की प्रक्रिया की निगरानी की जा सके. रसोई में देख-रेख के लिए विशेष कर्मचारियों की नियुक्ति और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा औचक छापेमारी जैसे उपाय भी किये जा रहे हैं. इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए रेल मंत्रालय ने खाने के पैकेटों पर रसोई का नाम और पैकिंग की तारीख के साथ बारकोड छापना शुरू कर दिया है.
इस बारकोड के जरिये कोई भी यात्री अपने मोबाइल फोन से उस पैकेट की पूरी जानकारी हासिल कर सकता है. इससे खाने में शिकायत होने पर जांच करने तथा जवाबदेही तय करने में आसानी होगी. बारकोड के पैकेट अभी कुछ ही जगहों पर उपलब्ध हैं, पर जल्दी ही सभी ट्रेनों में इनकी आपूर्ति होने लगेगी. यात्रियों को डिजिटल ऑर्डर के द्वारा खान-पान से जुड़े ब्रांडों से भोजन मंगाने की सुविधा भी चालू है और इसका विस्तार किया जा रहा है. ऐसे इंतजामों से बेहतर खाना तो मिलेगा ही, यात्री अपनी पसंद और बजट के अनुरूप भी भोजन कर सकेंगे.
पिछले दिनों जब यह खबर आयी थी कि अब कुछ ट्रेनों में यात्रियों को मालिश की सुविधा भी मिलेगी, तो सोशल मीडिया में बड़ी संख्या में लोगों ने भारतीय रेल को सलाह दी थी कि पहले साफ-सफाई और सुरक्षा पर ध्यान दिया जाना चाहिए. यह सरकारें भी स्वीकार करती रही हैं कि रेल को अधिक सक्षम और सुविधायुक्त बनाने के लिए प्रबंधन को दुरुस्त करने की जरूरत है. रेलवे बोर्ड ने इस दिशा में एक ठोस कदम उठाया है.
बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने 13 जून को पत्र लिखकर सभी महाप्रबंधकों और वरिष्ठ पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे लगातार रेल यात्राएं करें. तेज गति की नयी ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस में खराब खाना मिलने और बायो-टॉयलेट की शिकायतों के बाद यह निर्देश दिया गया था. ऐसा करने से अधिकारियों को ट्रेनों की हालत का पता चल सकेगा तथा यात्रियों की प्रतिक्रिया व सुझाव भी मिल सकेंगे. देश की विकास यात्रा की रीढ़ भारतीय रेल के तहत संचालित 20 हजार से अधिक ट्रेनों में सालभर में आठ अरब से अधिक लोग यात्रा करते हैं.
बीते कुछ सालों में पटरियों की लंबाई बढ़ाने, रख-रखाव पर ध्यान देने तथा सुरक्षित संचालन की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल हुई हैं. उम्मीद है कि यात्री सेवा की गुणवत्ता बढ़ाने के रेल मंत्रालय के प्रयासों के सकारात्मक परिणाम भी जल्दी ही हमारे सामने होंगे.

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