पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता दीदी लगातार गलत फैसले लेकर पहले ही अपना जनाधार कम कर चुकी हैं. अभी भी वे न जिद छोड़ रही हैं, न समय की नजाकत को समझ रही हैं. शपथ ग्रहण में न जाकर वे अपनी ही छवि को धक्का पहुंचा रही हैं. जय श्री राम जैसे सामान्य धार्मिक नारे पर ओवर रिएक्शन कर पहले ही काफी क्षति पहुंच चुकी है. वे सिर्फ वोट के लिए अल्पसंख्यक समुदाय की चिंता करती हैं. अफसोस की बात यह है कि पार्टी में कोई उन्हें सही राय देने वाला नहीं.
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अपना रवैया बदलें ममता दीदी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता दीदी लगातार गलत फैसले लेकर पहले ही अपना जनाधार कम कर चुकी हैं. अभी भी वे न जिद छोड़ रही हैं, न समय की नजाकत को समझ रही हैं. शपथ ग्रहण में न जाकर वे अपनी ही छवि को धक्का पहुंचा रही हैं. जय श्री राम जैसे सामान्य धार्मिक नारे […]
2014 में भी मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में खुद नहीं गयी थीं, उससे मोदी का क्या नुकसान हुआ? इस तरह की हरकतों से जननेता जनता की नजर में अपना सम्मान खोते हैं. उनको सोचना चाहिए कि जब वे खुद हर साल जोर-शोर से अपने कार्यकर्ताओं का शहीद दिवस मना सकती हैं, तो भाजपा अपने शहीद कार्यकर्ताओं के परिजनों को सम्मान क्यों नहीं कर सकती? ममता जी को अपना रवैया बदलना चाहिए.
शिखर चंद जैन, कोलकाता
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