वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा इतनी तेजी से बढ़ रही है कि दिन-प्रतिदिन गंभीर बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं. इनमें भी ज्यादातर फेफड़ों की. सड़कों पर दौड़ रहीं गाड़ियां व शादी-विवाह समारोह में आतिशबाजी भी हमारे वातावरण को कई गुणा दूषित करते हैं. लेकिन, खुशियों के माहौल में हम लोग इस बात से बिल्कुल अनजान बने रहते हैं कि यह जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
छोटी-सी उम्र में बालों का पकना, बाल झड़ना इत्यादि गंभीर समस्याओं के कारक भी प्रदूषण ही है. राज्य सरकार द्वारा पॉलीथिन पर बैन लगाना एक सराहनीय कदम है. चूंकि प्लास्टिक कई वर्षों तक जस का तस बना रहता है. प्रदूषण को कम करने के लिए हम लोगों को अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिए. क्योंकि, पेड़-पौधे कार्बन डाइऑक्साइड लेकर ऑक्सीजन देते हैं.
ओमप्रकाश गुप्ता, मांझी (सारण)