भारत विश्व का सबसे ज्यादा बिजली पैदा करनेवाला चौथा देश है, फिर भी यहां बिजली की हाहाकार मची रहती है. माना यहां की आबादी अधिक है, फिर भी इतनी नहीं कि मांग-आपूर्ति में संतुलन स्थापित न हो सके. मेरे विचार से इसके लिए राज्य सरकारों का सक्रिय न होना, बिजली विभाग का घाटे में होना, वितरण में अव्यवस्था, ईंधन की आपूर्ति का अभाव तो उत्तरदायी है ही, साथ ही हम उनसे ज्यादा दोषी हैं.
बिजली के उपकरणों का बेतहाशा प्रयोग, दिन में जलती स्ट्रीट लाइटें, बिजली की चोरी, घर-ऑफिस में खपत इसकी कटौती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसलिए आवश्यकता है कि हम भी सुधरें और केंद्र-राज्य सरकारें आपसी समन्वय से बिजली कटौती की समस्या से उबरें. मांग-आपूर्ति में संतुलन बनाने के लिए सभी को अपना योगदान देना होगा.
रीना सिन्हा, कंचनपुर, कतरासगढ़