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सीआइडी करे आत्ममंथन
पलामू के सतबरवा थाना क्षेत्र के बकोरिया में हुई कथित पुलिस- नक्सली मुठभेड़ की जांच कोर्ट ने सीआइडी से लेकर सीबीआइ को सौंप दी है. इस फैसले का मुख्य कारण राज्य की जांच एजेंसी से लोगों का विश्वास का डिगना हैं. यह बहुत चिंताजनक हैं कि अब तक तो सिर्फ पुलिस संदेह के घेरे में […]
पलामू के सतबरवा थाना क्षेत्र के बकोरिया में हुई कथित पुलिस- नक्सली मुठभेड़ की जांच कोर्ट ने सीआइडी से लेकर सीबीआइ को सौंप दी है. इस फैसले का मुख्य कारण राज्य की जांच एजेंसी से लोगों का विश्वास का डिगना हैं.
यह बहुत चिंताजनक हैं कि अब तक तो सिर्फ पुलिस संदेह के घेरे में आती थी, अब सीआइडी भी है. अगर यह मुठभेड़ फर्जी (अभियोजन पक्ष के अनुसार) नहीं थी, तो गृह मंत्रालय प्रार्थी द्वारा उठाये गये सवालों का संतोषजनक उत्तर क्यों नहीं दे पा रहा है?
जो खोखे वहां गिरे थे, उन्हें सीजर लिस्ट में क्यों नहीं दिखाया गया? घटनास्थल पर भी खून के धब्बे क्यों नहीं मिले? स्थानीय थानेदार को इसकी सूचना क्यों नहीं दी गयी थी? ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जो पुलिस को संदेह के दायरे में लाते हैं. लिहाजा, सीआइडी को आत्ममंथन करना चाहिए.
सीमा साही, बोकारो
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