राज्य में नियुक्त हुए फर्जी शिक्षकों की जांच में शिक्षा विभाग लगा हुआ है. बिहार सरकार के वक्त हुए 1988 बैच व झारखंड सरकार द्वारा 2004 की शिक्षक बहाली प्रक्रिया में बड़ी संख्या में फर्जीवाड़े का संज्ञान सबको है, परंतु निजी स्तर से जांच होते रहने के कारण ये फर्जी शिक्षक पकड़ से बचते आये हैं.
शायद इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल जाये. ये शिक्षक भी जिंदगी भर फर्जी शिक्षा बेच जिंदगी गुजरते रहें, अतः राज्य के माननीय मुख्यमंत्री जी से अपील है कि कृपया इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए इसे सीबीआइ से जांच करवाएं ताकि आनेवाले समय में ऐसे कार्य और न देखने को मिले. साथ ही फर्जी शिक्षकों के कुप्रभाव से झारखंड के बच्चों को बचाने का प्रयास करें.
हरिश्चन्द्र महतो, पश्चिम सिंहभूम, इमेल से