झारखंड में इन दिनों जिस तरह की राजनीति चल रही है, उसे देखने के बाद खुद को झारखंडी कहने में बहुत शर्म आ रही है. भूख से हुई मौत को राशन कार्ड से जोड़ा गया. अब सभी के मौत को राशन कार्ड से ही जोड़ा जा रहा है.
यह गलत है. राजनीतिक दलों को परिपक्व होने की दरकार है. कई पार्टी के नेता जिस तरह से बयानबाजी कर रहे हैं, उनको सुनकर दुख होता है. सभी पार्टियों से अनुरोध है कि इस तरह के बयान न दें. केवल समाज सेवा में अपना ध्यान लगाएं. सरकार को अपना काम करने दें. जनता को बेवकूफ न समझें. वह सब जानती है. जिस भी पार्टी का अच्छा काम होता है, जनता उसका सपोर्ट करती है. समाज सेवा के लिए सत्ता में बैठने ही जरूरत नहीं है.
पालुराम हेंब्रम, सालगझारी