इस संबंध में इंडियन यूनियन मुसलिम लीग (आइयूएमएल) के प्रदेश अध्यक्ष शहंशाह जहांगीर, मिल्ली इत्तेहाद परिषद के प्रदेश संयुक्त संयोजक अब्दुल अजीज और समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विजय सिंह भादुरिया ने पुस्तक मेला की आयोजक संस्था पब्लिशर्स एंड बुकसेलर्स गिल्ड को पत्र लिख कर कोलकाता पुस्तक मेले में तसलीमा नसरीन की किताबों की बिक्री और उनके प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की है. अपने पत्र में आइयूएमएल के प्रदेश अध्यक्ष शहंशाह जहांगीर ने कोलकाता पुस्तक मेले में तसलीमा नसरीन की किताबों के प्रदर्शन पर आपत्ति जताते हुए लिखा है कि आप लोग एक बुराई की देवी एवं ईश-निंदा करने वाली महिला का समर्थन कर रहे हैं, जिसकी अनैतिकता उसके जीवन में झलकती है. उसकी इन हरकतों से सांप्रदायिक तनाव बढ़ेगा और अशांति फैलने की आशंका है.
श्री जहांगीर ने आगे लिखा है कि उसे इसलाम विरोधी एवं यहूदी संगठनों का साथ हासिल है, जिनका मकसद धर्मनिरपेक्ष भारत की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाना एवं इसलाम व पैगंबर हजरत मोहम्मद को बदनाम करना है. उन्होंने चेतावनी देते हुए लिखा है कि अगर हमारे आवेदन को स्वीकार नहीं किया गया तो हम लोग पुस्तक मेला परिसर में जोरदार आंदोलन चलायेंगे. समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा है कि तसलीमा नसरीन ने अपनी लेखनी से अल्पसंख्यकों की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचायी है. ऐसे में अगर तसलीमा नसरीन की कोई किताब बेचे व प्रदर्शित किये जाने से अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो इससे कोलकाता की तसवीर को धक्का लगेगा. इसलिए मेरा यह आवेदन है कि पुस्तक मेले में तसलीमा नसरीन की कोई भी किताब बेची व प्रदर्शित न की जाये. मिल्ली इत्तेहाद परिषद ने भी अपने पत्र में यही बातें कही हैं.

