सहरसा : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि एक साल के अंदर राज्य के सभी जिलों में कृषि के लिए अलग बिजली फीडर होगी. साथ ही राज्य के सभी जर्जर बिजली के तारों को बदल दिया जायेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को सहरसा में जदयू के प्रमंडलीय अति पिछड़ा सम्मेलन को संबोधित करते यह बातें कही. उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर 2018 तक राज्य के घर-घर में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य था. लेकिन, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव के नेतृत्व में हुए कार्य से इस लक्ष्य को तीन माह पूर्व 25 अक्टूबर को ही पूरा कर लिया गया. उन्होंने कहा कि राज्य में कोई ऐसा विभाग नहीं है, जहां उत्थान की योजनाएं नहीं चल रही है.
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में बिहार ने अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है. वर्ष 2005 में राज्य की उत्पादकता सबसे कम थी. लेकिन, आज हम सौ फीसदी के साथ राष्ट्रीय औसत को पछाड़ चुके हैं. उन्होंने कहा कि बिना उद्योग धंधे वाले इस राज्य में निचले स्तर से विकास कार्यों को करते हुए बिहार का विकास दर आज दो अंकों में दस फीसदी पर पहुंच चुका है. नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है, जहां पंचायती राज व्यवस्था में आरक्षण देकर पिछड़े, अति पिछड़े, महादलितों एवं महिलाओं को सामाजिक एवं राजनैतिक रूप से मजबूत किया गया. यह विकेंद्रीकरण नीति से काम करने से ही संभव हो पाया है. बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने तक उनका यह प्रयास जारी रहेगा.
सम्मेलन को राज्य सरकार के ऊर्जा, मद्य निषेध व उत्पाद मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, लघु सिंचाई व आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री रमेश ऋषिदेव, पूर्व मंत्री सह विधायक नरेंद्र नारायण यादव, रत्नेश सादा, विधान पार्षद, ललन सर्राफ, पूर्व विधान पार्षद संजय झा सहित अन्य ने संबोधित किया.