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निरोग रहने के लिए सबसे उत्तम औषधि है बथुआ का साग

ठंड के मौसम में गेहूं सहित मक्का के खेतों में बहुतायत मात्रा में उपजने व सभी जगहों पर मिलने वाला बथुआ साग का मानव के शरीर पर विशेष असर होता है.

प्रकृति का दिया हुआ अनमोल सौगात है बथुआ ठंड के मौसम में अमृत के समान फायदेमंद है बथुआ का साग पतरघट. ठंड के मौसम में गेहूं सहित मक्का के खेतों में बहुतायत मात्रा में उपजने व सभी जगहों पर मिलने वाला बथुआ साग का मानव के शरीर पर विशेष असर होता है. औषधीय गुणों से भरपूर बथुआ एक ऐसा साग है, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. बथुआ के गुणों से ज्यादातर लोग अभी भी अपरिचित हैं. छोटा-मोटा हरा भरा यह पौधा सर्दियों के दिनों में अधिक होता है. इस मौसम में इसका सेवन सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है. इसके पत्तियों में विटामिन ए की सर्वाधिक मात्रा पायी जाती है. साथ ही इसमें आयरन प्रचुर मात्रा में होता है. बथुआ के सेवन से न केवल पाचन शक्ति मजबूत होती है, बल्कि उदर रोग सहित कई अन्य रोगों से छुटकारा मिलता है. कोसी क्षेत्र सहित अन्य जगहों पर यह घर-घर में खाये जाने वाला यह आम साग है तथा बालों की मजबूती के लिए भी इसके सेवन से ताकत मिलती है. बथुआ आंवले से कम गुणकारी नहीं है. इसके सेवन से बालों को भी काफी मजबूती मिलती है. जाड़े के दिनों में आमतौर पर लोगों को बाल टूटने की आमतौर पर समस्या अधिक होती है, लेकिन इसके सेवन से बालों में मजबूती आती है. वैसे भी डॉक्टर एवं स्वास्थ्य सलाहकारों का कहना है कि ठंड के मौसम में हरी पत्तेदार ओर पौष्टिक सब्जियां शरीर के लिए काफी फायदेमंद होती है. बथुआ साग के साथ-साथ इसका रायता बनाकर प्राचीनकाल से लोगों द्वारा खाया जाता रहा है. बथुआ हरेक उम्र के लोगों के लिए अमृत के सामान होता है. बथुआ साग प्रतिदिन खाना निरोग रहने की सबसे उत्तम औषधि है. खासकर सर्दियों के मौसम में बथुआ अपने आप खेतों में उपजता है. इसके सेवन से खराब लीवर भी बिल्कुल स्वस्थ रहता है. इसके सेवन में कम से कम मसाला व काला नमक का उपयोग फायदेमंद रहता है. यह किसी भी मांसाहारी भोजन से ज्यादा प्रोटीन वाला व किसी भी अन्य अन्य खाद्य पदार्थों से ज्यादा सुपाच्य व पौष्टिक आहार है. इसको प्रतिदिन खाने से गुर्दों में पथरी नहीं होता है. बथुआ आमाशय को बलवान बनाता है तथा गर्मी में बढ़े हुए यकृत को ठीक भी करता है. बथुआ साग का सही मात्रा में सेवन किया जाये तो निरोग रहने के लिए सबसे उत्तम औषधि है. बथुआ का सेवन कम से कम मसाला डालकर करें. नमक न मिलायें तो अच्छा है. स्वाद के लिए काला नमक मिलायें और देसी गाय के घी से छौंक लगायें. बथुआ का उबला हुआ पानी नित्य सेवन करने से स्वास्थ्य पर अनुकूल असर पड़ता है. चिकित्सक गैस्ट्रोलाॅजिस्ट डॉ शिवजी सिंह ने बताया कि बथुआ का साग काफी पौष्टिक आहार होता है. इसका सभी लोगों को सेवन करना चाहिए. यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. औषधीय गुणों से युक्त होता है. उन्होंने बताया कि बथुआ प्रकृति का दिया हुआ अनमोल सौगात है.

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