रांची : रेल मंत्रालय के द्वारा विगत तीन वर्षों में झारखंड सरकार के साथ मिल कर 41 रेलवे ओवरब्रिज की स्वीकृति दी गयी है. इनमें 35 रेलवे ओवरब्रिज पर कार्य शुरू कर दिया गया है. शेष छह रेलवे ओवरब्रिज पर काम जल्द शुरू होगा. इसकी जानकारी केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रांची सांसद संजय सेठ व गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी द्वारा संयुक्त रूप से लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में दी.
दोनों सांसद ने रेलमंत्री से झारखंड में रेलवे से संबंधित चल रही योजनाओं की जानकारी मांगी थी. रेलमंत्री ने कहा कि किसी भी रेल परियोजना को पूरा करने का दारोमदार राज्य सरकार पर निर्भर करता है.
भूमि अधिग्रहण, वन विभाग द्वारा वन संबंधी मंजूरी, बाधक, जनोपयोगी सेवा, भौगोलिक व प्राकृतिक परिस्थितियां, कानून एवं व्यवस्था, जलवायु परिस्थिति सहित कई ऐसे घटक हैं. जिन पर रेल योजनाओं के पूर्ण होने का दायित्व होता है. इन सभी घटकों को पूरा कराने की जिम्मेवारी राज्य सरकार की होती है. बीते तीन वर्षों में झारखंड सरकार ने इस मामले में सहयोगात्मक रवैया अपनाया है. इस वजह से रेलवे ओवरब्रिज निर्माण कार्य स्वीकृति काफी आसान हुई है. अन्य परियोजनाओं की जानकारी देते हुए रेल मंत्री ने बताया कि झारखंड में 2607 किलोमीटर लंबाई के लिए 40, 020 करोड़ की योजनाएं चल रही हैं. जिनमें 14 नयी रेलवे लाइन और 16 रेलवे लाइन के दोहरीकरण का कार्य शुरू कर दिया गया है. इनकी लागत 25,535 करोडड़ रुपए है.
इन सभी परियोजनाओं में 10 परियोजनाएं 299 किलोमीटर की लंबाई वाली पांच नयी रेल लाइन और 202 किलोमीटर की लंबाई वाली पांच दोहरीकरण परियोजना भी शामिल है. वर्ष 2014-19 के दौरान झारखंड में आंशिक रूप से पड़ने वाली संरचनात्मक परियोजनाओं एवं अन्य संबंधित कार्यों के लिए वार्षिक बजट 2089 करोड़ रुपए का है. इसके साथ ही 2019 में यह बजट 2493 करोड़ रुपये का किया गया.

