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नीतीश का खुलासा, महागठबंधन टूटने के 15 दिन पहले से जदयू विधायकों को तोड़ने की चल रही थी साजिश

गुजरात राज्यसभा के चुनाव में जदयू के विधायक ने कांग्रेस प्रत्याशी अहमद पटेल को वोट नहीं दिया पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि कुछ लोग उनकी पार्टी जदयू को पंद्रह दिनों से तोड़ने में लगे थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को विधानसभा में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में बिना किसी का […]

गुजरात राज्यसभा के चुनाव में जदयू के विधायक ने कांग्रेस प्रत्याशी अहमद पटेल को वोट नहीं दिया
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि कुछ लोग उनकी पार्टी जदयू को पंद्रह दिनों से तोड़ने में लगे थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को विधानसभा में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में बिना किसी का नाम लिए कहा कि मुझे अपने विधायकों पर पूरा भरोसा था, इसलिए मैं निश्चिंत था की कोई कोशिश सफल नहीं होगी. पार्टी के विद्रोही नेता व पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव का नाम लिये बिना कहा कि अगर 27 की रैली में कोई शामिल होगा तो उसकी मेंबरी जायेगी. उन्होंने कहा कि मैंने काफी काफी मौके दिये लेकिन जब मुझे लगा कि इनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है तो मैंने ही इस्तीफा दे दिया.
इस्तीफा के बाद प्रधानमंत्री का ऑफर आया उसे मैंने विधायक दल के सामने रखा. सभी ने उसपर अपनी सहमति जतायी. इस्तीफा के पहले किसी से कोई बातचीत नहीं हुई थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात राज्यसभा के चुनाव में जदयू के विधायक ने कांग्रेस प्रत्याशी अहमद पटेल को वोट नहीं दिया.
जल्द री-स्टोर हों क्षतिग्रस्त सड़कें, प्रभावित परिवारों को ससमय मिले सहायता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को बाढ़ और चलाये जा रहे राहत कार्यों की समीक्षात्मक बैठक की. मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में आयोजित आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षात्मक बैठक में उन्होंने क्षतिग्रस्त सड़कों को जल्द से जल्द री-स्टोर करने और राहत व बचाव कार्य में तेजी लाते हुए बाढ़ प्रभावित परिवारों तक सहायता पहुंचाने का निर्देश दिया.
बैठक में मंत्रियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हो रही समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया, जिस पर मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को उस त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया. बैठक में नाव परिचालन बढ़ाने और निजी नावों को परिचालन के लिए अनुबंध पर लगाने का भी निर्देश दिया गया.
आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से मुख्यमंत्री के सामने बाढ़ की विभीषिका, राहत कार्य और मानक संचालन प्रक्रिया को लेकर प्रेजेंटेशन भी किया गया. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बाढ़ आने के बाद शुरू से किये गये राहत व बचाव कार्यों की विस्तार से मुख्यमंत्री को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बिहार में 18 जिले, 171 प्रखंड, 1965 पंचायतों के 1.26 करोड़ लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हेलीकॉप्टरों से फूड पैकेट्स की लगातार ड्रॉपिंग की जा रही है.
बाढ़ राहत व बचाव कार्य में एनडीआरएफ के 28 दल, एसडीआरएफ के 16 दल और सेना के सात कॉलम लगाये गये हैं. समीक्षात्मक बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने दवाओं की उपलब्धता, चिकित्सकों व पारा मेडिकल स्टाफ की प्रतिनियुक्ति की जानकारी दी गयी.
वहीं, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने सड़क मरम्मत व री-स्टोर के लिए किये जा रहे कामों को विस्तार से बताया. इनके अलावा पशु व मत्स्य संसाधन के प्रधान सचिव एन विजयालक्ष्मी ने पशु राहत शिविर, पशुचारा, पशुओं की दवा की बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में उपलब्धता की जानकारी मुख्यमंत्री को दी.
बैठक में थे मौजूद :-
बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित कैबिनेट के सभी मंत्री, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, डीजीपी पीके ठाकुर, संबंधित विभागों के प्रधान सचिव, सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा सहित अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे.

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