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BIHAR : लालू, शराबबंदी के पक्ष में मन से नहीं, डर से मानव शृंखला में खड़े थे साथ: नीतीश

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद द्वारा शराबबंदी पर उठाये जा रहे सवाल पर निशाना साधा है. उन्होंने शनिवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का नाम लिये बगैर कहा कि मेरे साथ कुछ लोग शराबबंदी के पक्ष में मानव शृंखला में खड़े थे वे अब शराबबंदी पर ही सवाल उठा रहे हैं. वे लोग […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद द्वारा शराबबंदी पर उठाये जा रहे सवाल पर निशाना साधा है. उन्होंने शनिवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का नाम लिये बगैर कहा कि मेरे साथ कुछ लोग शराबबंदी के पक्ष में मानव शृंखला में खड़े थे वे अब शराबबंदी पर ही सवाल उठा रहे हैं.
वे लोग शराबबंदी के पक्ष में मन से नहीं, बल्कि डर की वजह से साथ थे. डर के कारण ही वे सार्वजनिक रूप से नहीं बोलते थे, लेकिन अब बोल रहे हैं. समाज में कुछ लोग होते हैं जो वक्त के हिसाब से अपनी बात रखते हैं, लेकिन हमलोग दृढ़ता से अपनी बात रखते हैं.
भ्रष्टाचार से भी न तो कभी समझौता किया है और न ही कभी करेंगे. बिहार राज्य खाद्यान्न व्यवसायी संघ की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय सम्मेलन में उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य में एक धारा की सरकार हो गयी है, बिहार को इसका लाभ मिलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में इस साल भयंकर बाढ़ आयी है. अररिया-किशनगंज में पानी का ऐसा तेज बहाव है, जिसे वहां के बुजुर्गों भी आज तक नहीं देखा है. बाढ़ की भयावहता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और शाम तक ही चार एनडीआएफ की टीम, हेलीकॉप्टर पहुंचे गये.
प्रधानमंत्री ने भी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और चिंता नहीं करने व हर तरह की मदद करने का भरोसा दिया है. उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ित 30-40 लाख परिवारों को एक माह के अनाज, कपड़ा व बर्तन के लिए छह-छह हजार रुपये दिये जा रहे हैं. इसके लिए राज्य सरकार की राहत के रूप में बांटने के लिए कैबिनेट से 2000 करोड़ रुपये मंजूर कराये हैं. सरकार काम करती रही है और करती रहेगी, लेकिन कुछ लोगों को बाढ़ कैसी आयी है पता ही नहीं हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाल में तीन दिनों में 600 एमएम बारिश हुई, जबकि नेपाल से सटे बिहार के इलाकों में 300-400 एमएम बारिश हुई. पूरे बरसात में होने वाली बारिश दो-तीन दिनों में होने से यह समस्या आयी है. इसका एक कारण कुदरत से छेड़छाड़ भी है. कुदरत से ज्यादा छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए. इस बार की बाढ़ कुदरत की डांट- फटकार हो सकती है. इसलिए पर्यावरण का ख्याल रखें और ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करें.
शराबबंदी से सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में शराबबंदी से सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखी गयी है. शराबबंदी को कुछ लोग अपनी आजादी से जोड़ कर देखते हैं, लेकिन शराबबंदी का बड़ा फायदा हुआ है.
समाज में इसके कारण जो अशांति का माहौल था, महिलाएं जो घरेलू हिंसा की शिकार होती थीं सब बंद हो गया है. शराब पर खर्च होने वाला करीब 10 हजार करोड़ रुपये अपने दूसरे उत्पादों पर खर्च हो रहे हैं, जिससे लोगों के रहन-सहन, खान-पान बेहतर तो हो ही रहा है, इससे सरकार को टैक्स भी मिल रहा है.
उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए ऐसी तरक्की आवश्यक है. राज्य का व्यवसायी वर्ग भी जो लोग शराब का धंधा चोरी-छिपे कर रहे हैं उन्हें उजागर करे. अब बिहार के बाद दूसरे राज्यों में भी शराबबंदी की पुरजोर मांग उठने लगी है.
विकास में व्यवसायियों की महत्वपूर्ण भूमिका
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के विकास में व्यवसायियों की महत्वपूर्ण भूमिका है. सरकार ने प्रदेश को विकास के रास्ते पर ले जाने की कोशिश की है. समाज के सभी वर्गों का विकास हो रहा है. बिहार में कानून का राज कायम रहे और न्याय के साथ विकास हो.
बिहार की विकास दर 10 फीसदी से ज्यादा रही है, जो देश की विकास दर से बेहतर है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी अच्छी प्रणाली है. बिहार उपभोक्ता राज्य है. कई चीजों पर टैक्स नहीं मिलता था, लेकिन अब मिलेगा.
व्यवसायी वर्गों को किसी प्रकार की गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए, खाद्यान्न पर टैक्स नहीं है. सरकार का प्रयास रहा है और आगे भी रहेगा कि व्यवसायियों को कठिनाई न हो. मुख्यमंत्री ने पीडीएस दुकानों का पुराना खाली बोरों को व्यवसायियों को देने, बाजार समिति के बुनियादी ढांचों की मरम्मत करने, ड्रेनेज सिस्टम को बेहतर करने का निर्देश दिया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुनाईचक पार्क में भामसाह की प्रतिमा और मुंगेर के जेपी पार्क में रामलखन प्रसाद गुप्ता की प्रतिमा लगाने की प्रक्रिया चल रही है और भवन निर्माण विभाग को इसके लिए निर्देश दिये गये हैं.
बाल विवाह व दहेज प्रथा को करना है खत्म
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सामाजिक कुरीतियों को भी जड़ से खत्म करना है. बाल विवाह और दहेज प्रथा को जड़ से खत्म करने के लिए गांधी जयंती के दिन दो अक्तूबर से राज्य भर में विशेष सशक्त अभियान चलेगा.
इसके लिए कानून बने हैं, लेकिन बाल विवाह भी होते हैं और दहेज भी लिये जाते हैं. बाल विवाह का स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है और बच्चों में नाटापन बढ़ रहा है. इस अभियान में व्यवसायी वर्ग भी साथ दे, ताकि बाल विवाह, दहेज प्रथा के खिलाफ सशक्त अभियान चलाया जा सके.
Prabhat Khabar Digital Desk
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