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सोनिया गांधी के साथ डिनर करेंगे तेजस्वी यादव, भविष्य की राजनीतिक रणनीति पर होगी चर्चा

पटना : बिहार में इन दिनों लोकसभा की एक सीट और विधानसभा की दो सीटों पर उपचुनाव और राज्यसभा के साथ विधान परिषद की खाली हो रही सीटों के चुनाव को लेकर सियासत तेज है. इसी बीच यह खबर मिली है कि प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का कद अब और बढ़ने वाला है. पिता […]

पटना : बिहार में इन दिनों लोकसभा की एक सीट और विधानसभा की दो सीटों पर उपचुनाव और राज्यसभा के साथ विधान परिषद की खाली हो रही सीटों के चुनाव को लेकर सियासत तेज है. इसी बीच यह खबर मिली है कि प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का कद अब और बढ़ने वाला है. पिता लालू यादव के चारा घोटाले में जेल जाने के बाद तेजस्वी यादव राजनीति में पूरी तरह सक्रिय हो गये हैं और लालू यादव की राजनीतिक विरासत को संभालने में लगे हुए हैं. तेजस्वी यादव सोनिया गांधी द्वारा 13 मार्च को दिल्ली में आयोजित डिनर पार्टी में शामिल होंगे. सोनिया गांधी ने 13 मार्च को विपक्षी पार्टियों के लिए डिनर पार्टी का आयोजन किया है. हाल में पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में पार्टी की हार के बाद सोनिया गांधी का विपक्षी पार्टियों के साथ आयोजित यह पहला डिनर है.

राजनीतिक जानकारों की मानें, तो इस डिनर में तेजस्वी के शामिल होने का अर्थ यही है कि लालू यादव की तरफ से भी कांग्रेस के अलाकमान को यह बता दिया गया है कि पार्टी की कमान अब पूरी तरह से तेजस्वी यादव के हाथ में है और वही अब सोनिया गांधी के साथ डिनर करेंगे. डिनर में आने वाले सभी विपक्षी पार्टियों के नेता अपने भविष्य की रणनीति पर चर्चा करेंगे. बताया जा रहा है कि भोज के बहाने ही सही सोनिया गांधी विपक्ष को एकजुट करने में जुट गयी हैं. उन्हें पता है कि लालू यादव विपक्ष की एकजुटता के लिए प्रयासरत थे, लेकिन वह अभी जेल में हैं, ऐसे में कमान उन्हें ही अपने हाथों में लेना होगा.

सोनियागांधी की इस रात्रि भोज का न्योता बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तेजस्‍वी यादव समेत विपक्षी खेमे के सभी दलों के नेताओं को भेजा गया है. पूर्व में एंटी एनडीए फ्रंट की बैठकों में शामिल होती रही सोनिया गांधी इस भोज के सहारे एनडीए को सबक सिखाने के लिए सभी नेताओं को मच पर एकजुट कर वह दिखाना चाहती हैं कि कांग्रेस की वह राष्ट्रीय अध्यक्ष भले न हों, लेकिन राष्ट्रीय राजनीति में कांग्रेस के कदम का फैसला वहीं करेंगी. साथ ही इस भोज के सहारे सोनिया गांधी यह संदेश देने में भी सफल होंगी कि विपक्ष एनडीए के विरोध में बिल्कुल एकजुट है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में चंद्र बाबू नायडू को भी अपने खेमे में करने का प्रयास हो सकता है और उनके विशेष राज्य के दर्जे की मांग को विपक्ष समर्थन कर सकता है.

तेजस्वी का इस भोज में जाना इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि हाल के दिनों में उपचुनाव से ठीक पहले तेजस्वी के नेतृत्व में एनडीए नेता मांझी टूटकर राजद में चले गये, वहीं चुनाव के वक्त राम विलास पासवान के दामाद ने राजद का दामन थाम लिया. तेजस्वी यादव का कद हाल की राजनीतिक घटनाओं से बढ़ा है और अब सोनिया गांधी के साथ डिनर करने के बाद यह साफ हो जायेगा कि राजद में तेजस्वी का कद भी बाकी नेताओं से काफी बड़ा है और सोनिया गांधी ने डिनर के लिए तेजस्वी को तरजीह देना ज्यादा जरूरी समझा है.

सोनिया गांधी तेजस्वी के साथ डिनर के बहाने बिहार में टूट की ओर बढ़ रही कांग्रेस का फीडबैक ले सकती हैं और बिहार प्रदेश कांग्रेस के स्थायी उम्मीदवार के बारे में तेजस्वी से चर्चा भी कर सकती हैं. सोनिया गांधी को मालूम है कि बिहार में कौकब कादरी कांग्रेसी नेताओं को संभाल नहीं पा रहे हैं. सोनिया ने हाल में एक तिहाई विधान पार्षदों के कांग्रेस छोड़ने से काफी खफा बतायी जा रही हैं और वह तेजस्वी की सलाह पर बिहार प्रदेश कांग्रेस में उलट फेर भी कर सकती हैं. तेजस्वी के साथ डिनर करने का एक और मसला राज्यसभा का चुनाव भी हो सकता है, जिसके लिए भारी संख्या में दावेदार सभी पार्टियों में आस लगाये बैठे हैं. उधर, बिहार से राज्यसभा की छह सीटों में से कांग्रेस के खाते में एक भी सीट पूरी तरह जाती हुई नहीं दिखायी दे रही है. सोनिया गांधी की प्राथमिकता में बिहार में पार्टी को एकजुट रखकर राजद के कुछ वोट के सहारे अपने एक भी उम्मीदवार को बिहार से राज्यसभा भेजने की है. इससे पूर्व तेजस्वी यादव राहुल गांधी के साथ बैठकर लंच कर चुके हैं.

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