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नशे के लिये नासूर बनता बिहार, शराबबंदी के बाद गांजा-चरस और सांप के जहर का बढ़ा बाजार

पटना : बिहार में पूर्ण शराबबंदी है. उत्पाद विभाग के नये कानून के तहत बिहार में शराब बेचना, पीना और इसकी सप्लाइ करना पूरी तरह कठोर दंडनीय अपराध है. शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद किसी ने सोचा नहीं था कि बिहार उड़ता पंजाब की राह पर चल पड़ेगा. जी हां, लेकिन हुआ कुछ […]

पटना : बिहार में पूर्ण शराबबंदी है. उत्पाद विभाग के नये कानून के तहत बिहार में शराब बेचना, पीना और इसकी सप्लाइ करना पूरी तरह कठोर दंडनीय अपराध है. शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद किसी ने सोचा नहीं था कि बिहार उड़ता पंजाब की राह पर चल पड़ेगा. जी हां, लेकिन हुआ कुछ ऐसा ही. बिहार अब ड्रग माफियाओं के लिए बड़े मार्केट में तब्दील हो गया है. जहां नशे की तलाश में लोग नये-नये विकल्प तलाश रहे हैं. बिहार में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि इतनी भारी मात्र में चरस, गांजा, हेरोइन और सांप के जहर की बरामदगी हुई हो. अब ऐसा होने लगा है. प्रशासन और नॉरकोटिक्स विभाग सकते में है, आखिर यह हो क्या रहा है. बिहार में ऐसे पदार्थों की तस्करी एका-एक कैसे बढ़ गयी.

जारी है तस्करी का खेल

ड्रग तस्कर नये-नये तरीकों से ड्रग की तस्करी करने में जुटे हैं. मंगलवार को पटना में जो गांजे की खेप पकड़ी गयी, उसे सरकार के डाक विभाग के जरिये तस्करी की जा रही थी. हालांकि, इसका खुलासा कल ही हुआ है, लेकिन इससे पूर्व कितनी मात्रा में गांजा की तस्करी पोस्टल विभाग के जरिये हुई है, कोई नहीं बता सकता. मंगलवार को बिहारएसटीएफएसओजी-एक की टीम ने पटना जंक्शन स्थित रेल मेल सर्विस यानी किआरएमएस से लगभग डेढ़ किवंट्ल गांजा को जब्त किया है. रेलवे पोस्टल विभाग कार्यालय में रखी गई 7 बोरियों को जब खोला गया तो उसमें 13 बंडल मिले. हर बंडल में करीब 10 किलो गांजा रखा था. गांजे के इन बंडलों की पैकिंग इस अंदाज में की गयी थी की किसी को भी भनक न लगे.

भारी मात्रा में चरस बरामद

जानकारी के मुताबिक, इस बार गांजा की तस्करी का बिल्कुल ही नया तरीका सामने आया है. 130 किलो गांजा की इस खेप को त्रिपुरा से हाजीपुर के लिए बुक किया गया था. लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि यह खेप सीधे सड़क या ट्रेन से पटना नहीं आया था. बल्कि फ्लाइट के जरिये पटना लाया गया था. वहां से ट्रेन के जरिये हाजीपुर पहुंचना था. वहीं मंगलवार को ही बिहार में पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल थाना अंतर्गत प्रेमनगर कॉलोनी से सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने एक नेपाली नागरिक को किया जिसके पास से 80.40 लाख रुपये मूल्य की 4.2 किलोग्राम चरस बरामद की गयी. एसएसबी की 47वीं बटालियन के कमांडेंट सोनम चेरिंग ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर चरस के साथ गिरफ्तार नेपाली नागरिक का नाम मोहम्मद सिराज अहमद है जो कि पडोसी देश के महकोट जिले का निवासी हैं.

सांप के जहर की तस्करी

दूसरी ओर बिहार के किशनगंज जिले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की एक टीम ने सांप के 1.87 किलोग्राम जहर पाउडर के साथ कल देर रात्रि तीन लोगों को गिरफ्तार किया. बीएसएफ के सहायक कमांडेंट नरेंद्र कुमार ने आज बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर साँप के जहर के पाउडर की उक्त खेप के साथ गिरफ्तार लोगों में नजरुल इस्लाम, जैनुल आबेदीन और मोहम्मद कमरुल होदा शामिल हैं. बरामद जहर पाउडर की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 14 करोड रुपये बतायी गयी है. कुमार ने बताया कि सांप के जहर के पाउडर की इस खेप को एक ग्लास जार में रखा गया था. उन्होंने बताया कि कादरिगंज चौकी के समीप रक्सोवा धनतोला की ओर से आ रहे दो मोटरसाइकिल सवार को बीएसएफ की 146वीं बटालियन के जवानों ने रोककर जब तलाशी ली तो और सांप के जहर के पाउडर की यह खेप उनके पास से बरामद हुई.

आंकड़ों में नशे का कारोबार

इसी वर्ष 13 जुलाई 2017 को जो आंकड़े सामने आये, वह काफी चौकाने वाले हैं. शराबबंदी के बाद कुल दर्ज मामले: 25,528 हैं, जबकि, कुल गिरफ्तारियां: 35,414 हजार हुई हैं. जिसमें देशी शराब की जब्ती 3,85,719 लीटर है और विदेशी शराब की जब्ती 5,96,172 लीटर है. अप्रैल 2016 से जून 2017 तक 1931 दोपहिया वाहनों को ज़ब्त किया गया जबकि 739 अन्य वाहन ज़ब्त किए गए जिसमें ट्रक भी शामिल है. दिलचस्प है कि ऐसे ही एक ट्रक की 8.5 लाख रुपये में नालंदा में नीलामी की गई. 284 निजी भवन या भूखंडों को सील किया गया और 59 कमर्शियल भवनों मसलन होटल आदि पर ताला लगाया गया. शराब नष्ट करने का आंकड़ा देखें तो जून 2017 तक 97,714 लीटर देशी शराब और 158829 लीटर विदेशी शराब नष्ट की गयी. आंकड़ों पर गौर करें तो स्थिति और भी खतरनाक है, शराबबंदी के बाद बिहार के विभिन्न हिस्सों में 2015-16 में 2492 किलो गांजा, 17 किलो चरस, 19 किलो अफीम, 205 ग्राम हेरोइन के अलावे नशीली दवाइयों के 462 टैबलेट बरामद किये गये. वहीं, 2016-17 में 13884 किलो गांजा, 63 किलो चरस, 95 किलो अफीम और 71 किलो हेरोइन के साथ नशीली दवाओं के 20308 टैबलेट जब्त किये गये. हालांकि, यह आंकड़ा सरकारी है, लेकिन विभागीय सूत्रों की मानें, तो बरामदगी इससे कहीं ज्यादा है. इंटर स्टेट सिंडिकेट ड्रग्स के कारोबार में सक्रिय है और बिहार में धड़ल्ले से ब्राउन सुगर, सांप का जहर और चरस आसाम, त्रिपुरा, ओड़िशा और अन्य राज्यों से लाया जा रहा है.

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Prabhat Khabar Digital Desk
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